माँ तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन,
किंतु इतना कर रहा, फिर भी निवेदन-
थाल में लाऊँ सजाकर भाल मैं जब भी,
कर दया स्वीकार लेना यह समर्पण।
गान अर्पित, प्राण अर्पित,
रक्त का कण-कण समर्पित।
चाहता हूँ देश की धरती, तुझे कुछ और भी दूँ।-
भारत का वो वीर जवान
जिसको करता देश सलाम
भारतवर्ष की वो है शान
हिंदुस्तान की वो है जान
उनके कर-कमलों के दम से,
ही है अपना देश महान।
भारत का वो लाल प्यारा
भारत का वो वीर जवान।
जान लगाते बाज़ी पर,
कि देश चैन से सोएगा।
उनके देशप्रेम की गाथा सुनकर,
हर कोई गर्व से रोएगा।
उनके शौर्य और हिम्मत से,
नहीं हैं ऊँचा कोई सम्मान।
भारत का वो प्यारा बेटा
भारत का वो वीर जवान।।-
🧡🌼💚
स्वतंत्रता एक शब्द मात्र नहीं है,इसमें समाहित है-
असंख्य भावों की मंदाकिनी, वीरता का स्पंदन,
करुणा का रुंदन, कुछ अमर गाथाओं का वर्णन।
वर्षों पूर्व हम अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होकर,
एक नए युग की कल्पना में तत्पर हुए।
तन को स्वतंत्रता प्राप्त हुई पर क्या मन ने स्वीकारा इसे?
मन पर बेड़ियां लगा कर भी कैसे मनाते हो तत्व मात्र की स्वतंत्रता?
द्वेष,घृणा,लालच,दुराचार भीतर रखकर मात्र झंडे फहराने और नारे लगाने को मैं स्वतंत्रता की श्रेणी में नहीं रखती।
स्वतंत्रता सिर्फ एक दिन का जश्न,पुस्तको में पढ़ाया गया शब्द नहीं है।
यह मन का भाव है, मन से स्वीकारें इसे।
जय हिंद🇮🇳-
वंदे मातरम्
सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम्
शस्यश्यामलाम् मातरम्
वंदे मातरम्
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्
सुखदाम् वरदाम् मातरम्
वंदे मातरम्-
मेरे देश, मैं आपको अपनी जान से ज्यादा चाहती हूँ
कफ़न में सफेद कपड़ा नहीं, हां, मैं तिरंगा चाहती हूँ
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हम साथ मिलकर इतिहास फिर रचायेंगे,
फिर अशफ़ाक और सुभाष कोई आयेंगे।।
साथ ईद को, होली को हम मनायेंगे
फिर अशफ़ाक और सुभाष कोई आयेंगे।।
बहुत हुआ यह धर्म-जातियों में बँट जाना,
यह भाई-भाई का आपस में ही कट जाना,
यही रहा तो ग़ैर फ़ायदा उठायेंगे
फिर अशफ़ाक और सुभाष कोई आयेंगे।।
चलेंगे साथ तो धरा भी काँप जाएगी,
हमारे दुश्मनों को नींद कहाँ आएगी,
हम अपनी एकता से विश्व को हिलाएंगे
फिर अशफ़ाक और सुभाष कोई आयेंगे।।
हमारी एकता से ही है देश सशक्त इतना,
जो बच्चा-बच्चा है हमारा देशभक्त इतना,
लड़ेंगे साथ हरेक जंग जीत जाएंगे
फिर अशफ़ाक और सुभाष कोई आयेंगे।।-
चल पड़ा झूठ का बाज़ार, होशियार रहो,
बिक गए हैं कई अख़बार, होशियार रहो,
बात सुनकर कोई सच्ची - झूठी
ख़ून सिर पर न हो सवार, होशियार रहो,
लड़े थे तुम उजड़ गया था चमन
इससे पहले भी कई बार, होशियार रहो,
ख़ुद तो आपस में बुलबुलों न लड़ो
न रूठ जाए फिर बहार, होशियार रहो,
अब भी कहती हूँ के संभल जाओ
अब भी करती हूँ होशियार, होशियार रहो।-
देश प्रेम में मै ए जिंदगी वार जाऊंगा ।
देश की मिट्टी को मै अपने लहू से रंग जाऊंगा।।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳जय हिन्द...-
आदिकाल से भारत का
स्वर्णिम इतिहास रहा ,
महाराणा प्रताप , लक्ष्मीबाई आदि
वीर-वीरांगनाओं का पराक्रम
इसकी पहचान रहा ।
कालांतर में आर्यवर्त
आदि नामों से इतिहास बनाया,
बाद में भारत कहलाया।।-