इतना आसान भी नही...
इतना आसान भी नही,अच्छे बने रहना
सीखना पड़ता है गमो में भी मुस्कराते रहना
तोड़ना पड़ता है खुद के सपनों को
आगे बढ़ाने के लिए अपनों को
तकलीफ में भी...
तकलीफ में भी-"मै ठीक हूं कहना"
इतना आसान भी नही,अच्छे बने रहना
खुद की खुशी और नाखुशी को नजरंदाज करना
कोई रूठ ना जाए अपना इस बात से डरना
सब के साथ होते हुए भी...
सब के साथ होते हुए भी अकेले ही तकलीफों को सहना
इतना आसान भी नही,अच्छे बने रहना
मुझे क्या अच्छा लगता है इससे क्या फर्क पड़ता है
कुछ करना चाहू खुद के लिए तो इससे घर खर्च बड़ता है
खुद नासमझ होते हुए भी..
दोस्तो और रिश्तेदारों को समझदारी वाली बाते कहना
इतना आसान भी नही,अच्छे बने रहना
शादी हो या तीज,त्यौहार मै तो ऐसा ही ठीक हू
लेकिन परिवार वालो को कुछ ना कुछ दिलाना है
मै चाहे भूखा रहू लेकिन घरवालों को खिलाना है
कुछ अपने लिए, कुछ अपनों के लिए सहना
इतना आसान भी नही,अच्छे बने रहना
बोझ नहीं, हर चीज को फर्ज समझकर करना
इतना आसान भी नही..
इतना आसान भी नही,अच्छे बने रहना।।
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