तमन्ना भी करों, इरादा भी रखों जो मिला है तुम्हें उसे बचा कर और जो नहीं मिला उसे पाने की भी इच्छा रखों तुम तो मंजिलों के हौसलों में बैठकर उसे पाने की भी इच्छाएं रखों
यूँ आईने के सामने बैठकर रोओगी कबतक.. तुमने ही छोड़ा है मुझे तन्हा तलक अबतक.. बेबसी ही रहेगी तुम्हारे दामन के दरमियान.. मुझे अपनाओगी या भूलोगी नही जबतक..