मेरा साथ छोड़ने का हर्जाना तो बनता है,
तुम्हारी बेवफ़ाई का सच बताना तो बनता है..
उसने देखी है मेरी शिद्दत वाली मोहब्बत,
पर उसे इस दीवाने को ज़रा तरसाना तो बनता है..
यूं तो मालूम है मुझे उसके बारे में सबकुछ,
पर उसे हर रोज़ इक नया बहाना तो बनता है..
कौन कहता है ज़िंदगी में इश्क़ दोबारा नहीं होता,
हाथों की मिटती लकीर को दोहराना तो बनता है..!
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