उनकी मोहब्बत के मुताबिक दिल लगाए कैसे
अपने दिल के राज़ बताएं कैसे
ख्वाबों का काफिला अपना था बड़ा खूबसूरत
कशिश थी उनसे बहुत मगर जताए कैसे
यह दिल करता है इबादत तेरे साथ की
लेकिन हकीकत नहीं सुनती जज्बात की
मेरी मोहब्बत का सिलसिला हुआ निराला
की अपना दिल-ए-दस्तूर मैं बताऊं कैसे-
रूह भी उसकी लर्जिस थी
मर्ग से पहले तेरी बाहों में सिमटने को...
एक तेरे ही बेवफाई के अंदाज अलग थे
जो देरी हुई उसे मोहब्बत में समझने को...-
मुहब्बत क्या चीज़ होती है
कभी चाँद से सिफारिश करके देखो
पैहम हिज्र का शिकवा पल पल अाएगा
कभी इस हलकी रंजिश का एहसास करके देखो-
Love screams that day when someone tries to possess your wishes,
You try to get rid out of it but you fails as you fall in ditches...-
जुहूर-ए-तरतीब था सब जिंदगी में
उम्र-ए-गुजिश्ता कि कोई बद-मिजाज खबर नहीं...
इक राह तेरा दीदार जो हुआ
अब इन चश्म-ए-इनायत को सबर नहीं...-
मेहर-ओ-वफ़ा लगता था उनका इश्क,
जिसकी हम हर आलम इबादत करते थे,
लेकिन बेवफाई का मुसलसल था उनका इश्क
जिसकी किस्सा-ए-तवील का इख्तिसार दुनिया बताते थे-
एक तारा मुझे मिला है
जिसने तन्हाई ए आलम में सहारा दिया है
किस्मत को भी फक्र है मुझ पर
जो खुदा से दोस्त इतना प्यारा मिला है-
वो आसान समझते थे मोहब्बत मेरी
फरमाते थे हँसकर वो देख हालत मेरी
शबब वो जानते तो शायद करते अज़ीज़
ये दिल था जो हर आलम करता था इबादत तेरी...-
True love is not seen by anyone
It is a spirit of connection
Getting true love in life is full of struggles
It need patience minds and contributions...-
ये इश्क़ का दर्द ठहर क्यों नहीं जाता
ये गुस्ताख दिल क्यों तनहाइयों को अब मिटा नहीं पाता
मोहब्बत बेवफा से करके जब खाई है ठोकरे
तो फिर क्यों उस बेवफा की यादों के महफिल सजाता-