ये इश्क़ का दर्द ठहर क्यों नहीं जाता
ये गुस्ताख दिल क्यों तनहाइयों को अब मिटा नहीं पाता
मोहब्बत बेवफा से करके जब खाई है ठोकरे
तो फिर क्यों उस बेवफा की यादों के महफिल सजाता-
2 OCT 2019 AT 15:51
30 DEC 2019 AT 17:43
औरत की मोहब्बत इतनी कमजोर नहीं होती
साहब... हर कोई बेवफा नहीं होती...-
11 JUN 2021 AT 18:18
कितना गलत लिख रहा था मैं
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17 NOV 2018 AT 21:45
जिस दिन से तुमने
नज़रें मिलाना छोड़ दिया
तेरी गलियों में हमने
आना जाना छोड़ दिया
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29 MAY 2021 AT 0:23
वफा के किस्से अक्सर वही लोग सुनाते हैं, जिनके खुद के हाथ बेवफाई से रंगे होते हैं।।
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8 JUN 2018 AT 16:21
तेरी यादें...बड़ी बारे गराँ है...
एक दवा चाहिए...इन्हें उठाने के लिए...-
26 APR 2021 AT 18:14
कि है शिकायत तुझसे ऐ शाम, तू फिर क्यों आ जाती हैं ।
तू आये तो ठीक मगर क्यों, साथ उस बेवफा की याद आती हैं ।।-
4 DEC 2020 AT 14:12
जिंदगी भी अब तुझसे यू रुठी लगती है
की खुशियों की डोर तुझ से अब छूटीं लगती है
तेरे ही हाथों तेरी किस्मत फूटी लगती है
जिसे पा ने की आश में खोया तुने मुझे
वो आश आज टूटी लगती है
और अब करीब आके यू प्यार न जता ए बेवफा
ये मुहब्बत की बातें अब मुझे झूठी लगती है-