उनकी तो साजिश थी
बिखैर कर जुल्फे कत्ल करने की
दिल ने बेखौफ़ जीने की वजह ढूंड ली-
खौफ उसके अंदर भी है,
खौफ मेरे अंदर भी है।
लेकिन साथ जब तक,बे गम है
खौफ़ भी बे खौफ हो गईं है।
-
आग लगी है जुनून की
तो दिल तक जाऐगी
जहाँ- जहाँ होगा अंधेरा
रोशनी बिख़र जाऐगी।-
बेखौफ, बेहिचक, बेहिसाब
खुले आसमान में
आज भी उसने कोई धर्म,जाति और रंग
वाली बंदिशें नहीं बनाई हैं,
अपने जहान में ।।
-
मैं बेपरवाह, लापरवाह, बेमतलब, सुस्त, बेशर्म, कमपढ़, बेरोजगार, नकारात्मक, अवसादी, बेचैन, बदमाश, बदसूरत, बेखौफ़ एवमं लाचार व्यक्ति हूँ । मेरे संपर्क में रहने से आप को हानि है!!!
-
तुझे मुझे किसका खौफ़,
ख़ुद फ़रिश्तों के पहरे हैं
हमारी मोहब्बत पे।-
बेखौ़फ, आजाद़ जीना है तुझे,
साहस से इन बेडि़यो को तोड़ना है तुने,
बेखौ़फ, आजाद़ जीना है तुझे,
हर कदम-कदम पर खुद को साबित करना है तुने,
बेखौ़फ, आजाद़ जीना है तुझे,
हर उठते सवालों का मुहँतोड़ जवाब़ देना है तुने,
बेखौ़फ, आजाद़ जीना है तुझे,
समाज़ के हर लाँछनो से पार पाना है तुने,
बेखौ़फ, आजाद़ जीना है तुझे।
-
जरा सा बेखौप होकर तुझे देख तो लूँ,
जरा सा तेरा होकर मैं आज रेह तो लूँ,
पल दो पल कि तो है ये जिंदगी, कुछ बाते दिल में ना रह जाये, आज तुझसे कुछ केह तो लूँ,जरा सा बेखौप होकर तुझे देख तो लूँ
घबराहट सी होती है अकेले रहने में, बेचैन मन अंदर से टुटा हुआ हूं, साथ तेरे कुछ पल सुकून के सी तो लूँ, बीत जाये ना लम्हा यूँही खौप में
साथ तेरे कुछ पल बेखौफ होकर जी तो लूँ , जरा सा बेखौप होकर देख तो लूँ
-
शाम - ए - शवाब में डूब जाना, उसकी याद आना
लगे हाथ से काची जाम,दिल का फुट जाना
दिल को झकझोर कर हिला देता है मयस्सर, याद उसका
चलता रहे फिर जीवन का बेखौफ पैमाना, चाहे हसे जमाना
गोविन्द उपाध्याय-