हर घुट में तेरी याद बसी है
कैसे कह दूँ चाय बुरी हैं-
उसकी सबसे अच्छी बात है मुझसे इश्क़ के लिए सोचती है।
उसकी सबसे बुरी बात है मुझसे इश्क़ के लिए सिर्फ सोचती है।-
जाते जाते जो तुमने मुझ पर दाग लगाया था
शायद उसी ने मुझे सब की बुरी नज़रों से बचाया था-
लगा दो कोई आज़ादी को काला टीका
सुना है इस पर किसी की बुरी नजर है-
सूखी यादें ज्यादा दिन तक घर करके नहीं रहती......मगर
बुरी स्मृति दिल में ऐसे घर कर लेती है मानो कोई जिद्दी किरायदार हो जिसे घर से निकालने
के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है....
और गर निकल भी जाए तो घर पर निशान छोड़े जाती है-
अच्छी लड़कियां "स्वर्ग" जाती है,
और बुरी लड़कियां "जहां चाहे वहां"..!!
:--स्तुति-
मेरे गले का ताविज बनकर रहना तुम क्योंकि
आजकल लोगों की नजरें बहुत बुरी हो गई है।-
✨✨सम्मान (荣誉, Róngyù)✨✨
कभी ये घरवाले भी कहा करते थे
कि इस जगह में हमारा बड़ा नाम है। ✨
(✍️मेरी कलम से...)
गलियारों को क्या पता जो तुम उनसे
पूछते हो जो खुद ही बड़ा बदनाम है। ✨
शिकन तुम्हारे मुखड़े की यही बयां
करती हैं मेरे दोस्त उनसे न पूछना।✨
सम्मानित पहले हुआ करते थे यहाँ
पर अब तौहीन बनी अभद्र सूचना।✨
अब कारण पे ज़रा आएँ तो वह ज्यादा
बड़ा भी न था पर सुधरे भी तो असमय।✨
समय बहुत महत्वपूर्ण है मित्र! ज़रा
संभलकर चलना निरंतर, हो निर्भय।✨
अब फिर से उन दिनों को जीने की चाहत है दिल में।
उतारना चाहता हूँ डर जिसकी बादशाहत है दिल में। ✨-