बदलती बेरहम बयार है,
बंदा बहकता बेहिसाब है!
बचा-खुचा बचपना भी बिता,
बदहवास बंदगी बेपनाह है!
बगिया में बादशाहत बलात है,
बगुले बुलबुले बदनाम है!
बिछाई बिसात बुज़दिलों ने,
बेख़बर बेचारा बागवान है!
बुलंद बाहुबली की बेहयाई,
बेहूदा का बराबर बाजार है!
बचो बेढब बहुरूपियों से,
बाधा है, बहकावा है, बिगाड़ है!
बेसबब, बेपनाह बेअखियार,
बेवजह बहाने की बुनियाद है! __राज सोनी-
आज तुझसा खुबसूरत
कोई नहीं लग
रहा है मुझे,
हर चीज़ से लापरवाह
हो गया हूंँ आज मैं
एक तेरी बाहों में
आने के खातिर ,
मैं जनता हूँ के लोग
मुझे बुजदिल कहेंगे
तुझमे सिमट जाने
के बाद,
पर फिर भी
ए मौत तेरा
हो जाने को बेताब
हूँ आज मैं,
आज तुझसा
खुबसूरत कोई
नहीं लग रहा है
मुझे ए मौत
-
बुज़दिलो की गली से गुजरना हुआ कल रात मेरा......
उनका डर मुझे देख कर और बढ़ गया ।-
प्यारी लड़कियों:--
वो तुम्हारी आवाज को रोकने आयंगे
वो तुम्हारे मुंह में "लड़की होने" का कोयला डाल के
तुम्हें मौन करना चाहेंगे,
वो तुम्हारी जिस्म को नोचेंगे,
वो अपनी नाखूनों से खुदेरकर देखेंगे तुम्हारी लहू का रंग,
वो चाहेंगे की तुम बिल्कुल सुन्न हो जाओ
वो आते रहेंगे
कभी परम्परा
कभी सभ्यता
कभी उडंता
कभी शैतान
कभी हैवान बनकर....
पर तुम रुकना मत, रुकना तुम्हारा विकल्प ही नहीं है, तुम लड़ना आखरी सांस तक, कि अगर वो नोच भी ले, खुदेरे भी दे,तो भी इतिहास में "बुजदिल "वो और "क्रांतिकारी" तुम जानी जाओ...!!!
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लगता तो नहीं कभी वो सामने से वार करेंगे
बुजदिल है, हमेशा पीठ पीछे ही वार करेंगे.-
बुजदिल हें वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते,
बहुत हौसला चाहिए बर्बाद होने के लिए ।-
जिंदगी की चाहतों को पूरा करूँ तो कैसे करूँ?
बहुत बुजदिल हूँ मैं खुदकुशी करूँ तो कैसे करूँ?-