कुछ अलग सा जोश है
तुमसे मिलने के बाद,
ना जाने क्या होता मेरा
जो मिलते तुम बरसों बाद ||-
अल्फ़ाज़ मेरे गुम है, आखें मेरी नम,
क्यों जकड़ा है इन धड़कनो को
जैसे मेरी साँसे हो तुम ?-
हैरत है कि अल्फ़ाज़ नहीं आज तेरे रुलाने पर,
ये अश्क है उन वादों का जो खायें हाथ थाम कर ||-
Expression of love कह कर
जो हाथ मुझ पर उठाते हो,
ये हाथ जब मैं उठाऊं तो issue क्यों बनाते हो?-
कोई तुमसे अगर प्यारा हो,
तो वो काश ना हमारा हो ||
कोई तुमसे प्यारी बातें करें,
नैन मूंद पर सोचे हमें,
वो मनुज किसी का सहारा हो,
बस वो काश ना हमारा हो ||-
कुछ सुस्त थी फिज़ा जिस दिन हम मिले,
वो नैना मिलते ही, कुछ अच्छे तुम लगे ||
उन मोड़ो को पार कर हुई कुछ बातें,
वो नैना तुम्हारे वाकिफ, सारी बातें बताते ||
यू घंटा भर चल कर, अभी जानना था कुछ और,
जी चाहा पूछ लूं मगर मन था बड़ा चोर ||
इधर-उधर के किस्सों में फज़ा हुई जवां,
उसी मंजर दिल ने कहा कि अब बस इनसे होगी वफा ||-
लफ्ज़ से लफ्ज़ है टकराते, तो बनती ग़ज़ल हैं |
हम रूबरू हुऐ इस कदर आप से,
जैसे झील का कमल हैं ||-