QUOTES ON #बीतता_वक़्त

#बीतता_वक़्त quotes

Trending | Latest
15 OCT 2019 AT 17:18

बीतते वक़्त के साथ,
हम खर्च होते जा रहे हैं,
सोने के पहर में जाग रहे और,
जागने के पहर में सोते जा रहे हैं
बाहर के शोर शराबे में,
अंदर का सुकून खोते जा रहे हैं,
क्या थे हम और क्या होते जा रहे हैं!

-


2 APR 2020 AT 13:26

जीवन के क्षण मूल्यवान हैं
इनकी पुनरावृति किसी भी,
पूर्वानुमान से संभव नहीं !!

©Neha Rajpurohit

-


30 DEC 2019 AT 19:50

एक साल का हिसाब लगाने बैठो तो
जैसे सदियों के बदलाव नज़र आते हैं ख़ुद में।
एक साल को याद करने लगूं गर तो
जैसे कुछ बदला ही नहीं दिल का हाल।

-


9 JUN 2019 AT 23:04

हर लम्हा पिघलता है ,
एहसासों में घुलता है ,
पास से दूर ढलता है ,
हाथों से फिसलता है ,
हर लम्हा पिघलता है ।

सरसराहट सा बोलता है ,
यादों में झूलता है ,
उम्मीदों को टटोलता है ,
हर लम्हा पिघलता है ।

अवसरों को खोजता है ,
मुश्किलों को रोकता है ,
प्रमाणिकता को भरता है ,
हर लम्हा पिघलता है ।

-


10 JUN 2023 AT 21:56

जब तक है, यह जीवन
चित्रपट भी, चलता रहेगा
मित्रता भी, होती रहेगी
छल-कपट, खलता रहेगा!

कुछ भी नहीं, लौटेगा दोबारा
और ये पल, जो बीत रहे हैं
न हँसी के क्षण, न आँसू के
कभी हारे, कभी जीत रहे हैं!

आओ हम-तुम, विशिष्ट बना दें
इस समय को, जिसमें हैं हम
न गाया जाएगा, यही गीत वैसे
न वापस आएगी, मधुर सरगम!
----राजीव नयन

-


14 JUN 2021 AT 21:05

वक्त के नशेमन से रिस कर यां
खाली ज़ीस्त की जाम होती है.

सुब्ह होती है औ शाम होती है
उम्र बस यूं ही तमाम होती है

-



जिन्दगी कैसे आगे बढती है वक़्त कैसे कट जाता है,
ना जाने अपना कहने वाला कब पराया हो जाता है,
आती है तस्वीर जब सामने तो बस यादों का पिटारा खुल जाता है,
बीतता हुआ वक़्त ना जाने हमसे कितना कुछ छिन जाता है।

-


26 DEC 2021 AT 1:59

तेरे साथ प्यार हो गया है अब क्या करूँ
हर रोज़ हर बीतते वक़्त के साथ ये बढ़ रहा है
मग़र साथ इसके नफ़रत भी बढ़ रही है
पल रही है, दोनों समानांतर चल रही है
ये कैसा रिश्ता है मेरा और तुम्हारा,
बढ़ते इश्क़ और बढ़ती नफ़रत का
जी तो चाहता है कि बस तुझे देखती ही रहूँ
और ख़ुद को भूल जाऊँ, दूरियाँ मिटा दूँ
तुझे सीने से लगा कर रखूँ, कहीं जाने ना दूँ
कैसे बयाँ करूँ अपने इश्क़ की मजबूरियाँ
ना मोहब्बत खत्म होती है ना नफ़रत मिटती है

-


20 FEB 2022 AT 18:04

आज एक दिन और कम हो गया जिंदगी का,
भाग रहा समय तेजी से चाल चलते।
मर रहे ख्वाब सारे जो थे कभी दिलो-दिमाग के अंदर पलते,
अब तो हर एक वो गुजरा पल,ग़म हो गया जिंदगी का।
आज एक दिन और कम हो गया जिंदगी का,
आज एक दिन और कम हो गया जिंदगी का।— % &

-


19 APR 2019 AT 13:48

भागते बचपन में भी थे, भागते आज भी हैं...
बस्ता वही है मगर, अंदर सामान बदल गये है...!!!

-