Where are you ?
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Aug-2023 she visited to my profile, Sep-... read more
के आजकल इश़्क में वो पहले जैसी खुमारी नहीं।
जिसमें वफ़ादारी है, उसके पास साथ नहीं।
जिसके पास साथ है, उसमें वफ़ादारी नहीं।-
अब तो किसी को अपनी तकलीफ़ बताने में भी तकलीफ़ होती है,
क्योंकि लोग हमारी तकलीफ़े किसी और के साथ सांझा कर देते हैं।-
कई बार कोई शख्स मानसिक रूप से ठीक नहीं होता,
बावजूद के उसकी मदद की जाए उसके अपने ही यह बात कह देते हैं कि ये ढोंग कर रहा है इसको थप्पड़ मारो इसकी पिटाई करो।
कोई भी इंसान खुद से ये नहीं चाहता कि वोह ओरों की तरहं काबिल ना बने। मगर कभी-कभार परिस्थितियां उसके विपरीत ही रहती हैं।
जिस कारण वो चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाता।-
कभी-कभार आपके कहे कुछ शब्द मौत से भी ज्यादा तकलीफ देते हैं।
आप उन शब्दों को आप पर ऊधार समझिएगा क्युंकि आपके वो करम आप पर लौटकर वापिस जरूर आऐंगे।-
जो इंसान आपकी मानसिक स्थिति ही नहीं समझ पा रहा,
वो भला आपसे क्या ही दोस्ती करेगा।
वो आपको हर जगह पर हर तरहं से निगेटिव ही महसूस करवाऐगा।-
कुछ लोग बोलते हैं कि मैं जो लिखता हूँ,
मेरी बोलचाल की भाषा से मैं वैसा नहीं लगता हूँ।
उनका कहना है कि कलाकार कुछ और होते हैं।
और हमारे जैसे तुच्छ लिखने वाले नकली हैं,
अब ऐसे लोगों को मैं क्या ही बोलूं।
भगवान उनका भला करे, उनको शांती और सद्बुद्धि प्रदान करे।-
जो अंदर तक सबसे ज्यादा रोया होगा,
शायद वो ही सबसे ज्यादा खूबसूरत कविताएँ लिख पाया होगा।-