हुआ हूं यूं जुदा जब से
मैं खुद में खोया रहता हूं
कि तुझे मिल के फुर्सत से
पलकें भिगोना चाहता हूं
कई रातों का जागा हूं
और रातों - रात रोया हूं,
मैं रख सर तेरे कंधे पर
सुकूं से सोना चाहता हूं।
मोहब्बत की कहानी जो
अधूरी रही है वर्षों से,
देख मुस्कान तेरी एक बार
ज़हां से रूखसत चाहता हूं।-
बिछड़ने के खौफ से मैं बेशक डर जाऊंगा
पर ऐसा थोड़ी है कि बिछडूंगा तो मर जाऊंगा-
कब तलक लौट कर आओगी, ए बिछड़ने वाली
वीरान रास्ते पर खड़ा, इक शख़्स बुरा लगता है-
बिछड़ने का नाम आया था उसके होठों पर ,
सहंम सा गया मैं ज़ुबान हिली ना कलम चली।-
ज्यादा गम नहीं होता बिछड़ने का,
बेवजह बर्बादियों से नाते गहरे है मेरे।-
उससे मिलने की खुशी मत पूछो
उससे बिछड़ने का गम अब तक सताता है
उसके साथ बिताया हर पल याद है मुझे
बस ना मिल पाने का दर्द रुलाता है।-
दिल से निकले हुए हर एक शब्द ढूंढ रही हूँ ,
उसके साथ गए हुए हर एक पल ढूंढ रही हूँ !
खाली सा हो गया है दिल मेरा बिछड़ने के बाद ,
पहला सा सुकून वो पहला सा प्यार ढूंढ रही हूँ !-
बिछड़ना किसे मंजूर था
इसकी वजह तो तेरा गुरूर था
जिन वीरान राहों पर तुम्हें खुद दो पल के लिए खड़ा होना भी न मंजूर था
उन्हीं राहों पर कभी तूने हमें उम्र भर के लिए करके छोड़ा मजबूर था-
"ज़िन्दगी...
बहुत प्यार दे रहीं हो आज कल,
बिछड़ने का इरादा हैं क्या..?"-
"मुझे कोई इतिहास नहीं रचना
बिछड़ने की रस्म ना निभाओ
अपनी मोहब्बत पूरी कर लो
और अब तुम मेरी हो जाओ"-