Shivani   (Shivani)
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Joined 23 March 2020


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Joined 23 March 2020
20 APR AT 14:49

मैं लड़ने पे आऊं...

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17 APR AT 12:49

आखिर कब तक ?

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11 APR AT 10:30

हमारे बीच कोई अनबन नहीं है
पर हुआ कुछ ऐसा कि अब मन नहीं है
मैं तो खुद को सुधार रही हूं
तुझमें तो कोई कमी नहीं है

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2 APR AT 16:58

इज़हार ए मोहब्बत हमने क्या किया
कि उस मोहब्बत ने हमसे सब ले लिया

भरने थे जिसने रंग मेरे जीवन में
उसने ही अमावस सा सब कर दिया

छाई है लबों पर खामोशी ऐसी
मुझसे मेरा ही अक्स ख़फ़ा हो गया

चाहूं भी कुछ कहना तो कह न सकूं
न जाने हर लफ्ज़ ए एहसास कहां दफ़न हो गया

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2 APR AT 14:12

कुछ कह दिया
कुछ कहना बाकी है

दिन और रात तन्हा
और सफ़र जारी है

दुनिया ने दिए लाखों ज़ख्म
ए जान ए जां दे दे तू भी कुछ ज़ख्म
अबकी बार तेरी बारी है

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29 MAR AT 21:24

कुछ एहसासों को जिंदा ही दफनाना पड़ता है
जो रखा उन्हें यूं ही तो इन एहसासों के कारण
खाएं हैं जो ज़ख्म उन पर क़दम क़दम पर
नमक सह कर भी मुस्कुराना पड़ता है

सांसों के नाम पर आहिस्ता-आहिस्ता ही सही
दिल को धड़काना पड़ता है
जीने के लिए लंबें समय तक रूक कर भी
क़दम कुछ तो आगे बढ़ाना पड़ता है

हकीकत कहूं या जीवन का फ़लसफ़ा
करने हैं पार हर इम्तिहान उन इम्तिहानों
को पार करने में कांटों से लहूलुहान होकर भी
जी रहें हैं हम ये बताना पड़ता है

वो क्या समझेंगे ये सारी एहसासों की बातें
जो जीते आएं हैं सिर्फ़ खुद के लिए
उनके लिए तो जिंदगी के इम्तिहान मतलब
लोगों के जज़्बातों से खेल जाना होता है

कुछ एहसासों को जिंदा ही दफनाना पड़ता है
जो रखा उन्हें यूं ही तो इन एहसासों के कारण
खाएं हैं जो ज़ख्म उन पर क़दम क़दम पर
नमक सह कर भी मुस्कुराना पड़ता है

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28 MAR AT 19:02

कुछ लड़कों के लिए गमों को भूलाना कितना आसान होता है
बात हो प्रेम की या किसी भी दर्द की हर बात में हाथ में जाम होता है

ऐसा तो नहीं कि दर्द पारो को न हुआ होगा
उसके हाथों में फिर भी इंतज़ार ए दिया रौशन तमाम होता है

तो क्यों दर दर भटक कर कुछ लड़कों का दर्द सरेआम होता है
पीने से क्या सच में जुदाई का ग़म हलाल होता है

पर बेवफाई का ज़ख्म ए दर्द सहते सहते जो आ जाएं
लड़की की आंखों में आंसू भी तो फिर बवाल होता है

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8 JAN AT 23:15

मैं तुम्हें छोड़ कर नहीं गई...

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8 JAN AT 14:58

सब कुछ था आंखों के सामने...

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7 JAN AT 18:33

कोई कितना भी दिल के करीब क्यों न हो...

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