मैं...
कलम हूँ,
सुना है...
मैं ही हूँ वो,
जो... परिवर्तन
लाया करती थी,
और... मैं परिवर्तन
लेने गयी थी,
पर... मिली नहीं
वो नस्ल मुझे ,
जो चाहिए थी
परिवर्तन की
इसलिए...
फिलहाल...
परावर्तित होकर
मैं... लौट आयी हूँ ,
मैं... फिर जाऊँगी ,
मैं... फिर आऊँगी ,
और... मैं लाऊँगी
परिवर्तन मेरे...
मनचाहे नस्ल की ।
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