जानाँ! किस ने कहा, तेरे जाने पर रोया हूँ
है इन आँखों में कुछ गंदा पानी, जो बहा रहा हूँ मैं-
बहती हैं नदियाँ, समंदर बहा नही करते !
गम को आसरा देने वाले,कुछ कहा नहीं करते !!
बहते हैं पत्ते, जड़ हवाओं संग बहा नहीं करते !
गिरने वाले नज़रों से,दिल में रहा नहीं करते !!
बहती है मिट्टी, चट्टान बहा नहीं करते !
मुश्किलों में मुस्कुराने वाले,कभी ढहा नहीं करते !!
बहते हैं जुगनू, आफ़ताब बहा नहीं करते !
मुँह चुराने वाले, जिंदगी से वफ़ा नहीं करते !!
बहती हैं आवाजें, अहसास बहा नहीं करते !
कोई सुनने वाला न हो तो, अफ़साना कहा नहीं करते !!
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कुछ यादें ऐसी भी होती है,
जो या तो सबकुछ याद दिला जाती है
या तो जो याद है वो बहा ले जाती है !-
दिल में मचे इस तूफ़ान का ना कहीं ठहराव मिला मुझे ,
इंतेज़ार है ऐसे तूफ़ान का जो बहा ले जाये दिल के दर्द को ।-
बता ना सकती तुझको सबकुछ
तुमसे नैन चूरा भी नहीं सकती
आँसू से अपनी पहचान बनाकर
मै तुझको कभी भूला भी नहीं सकती-
कम्बख़्त मेरे इश्क़ को समझा होता तो आज इतना दर्द ना बहा होता
दरम्यां उलझने बढ़ती नही इसकदर जो तूने दिल का कुछ कहा होता-
ना जाने किस ओर, कहाँ ले गई
रात एक हवा आई, बहा ले गई
महकता गुलाब, फिज़ां में शराब
जन्नत-ए-फिरदौस, जहाँ ले गई-