लिखने को तो ,मैं भी हर विषय पर लिख सकती हूँ,
मगर कभी समाज की कुरूतियों को समाज के सामने लाना,
तो कभी महिलाओं को उनके हक की बात बताना,
मेरी कलम को अक्सर यहीं पसन्द आता है..!!
मुझसे अक्सर कहा जाता है , यूँ रोज़ रोज़ समाज पे उंगली ना उठाया कर,
लिख सकती है , अगर किसी ओर विषय पर,तो लिखकर दिखाया कर..!!
मगर मैं हमेशा अपने ज़िद्दीपन को ऊपर रखकर,
अपनी कलम का साथ निभाती हूँ,
पहले गिनाती हूँ समाज को कमियां उसकी,
फिर उन्हें ठीक करने का सही राह दिखाती हूँ..!!-
मुझे पा कर शायद तुम्हें,
कुछ अहसास ना हो...
लेकिन एक दिन मुझे खोने का,
ग़म तुम्हें बहुत तड़पायेगा ।-
"कुछ संबंध आलमारी में पड़ी उन रद्दी कपड़ो से होते हैं! "
"जो बस देखने वाले को अपनी संख्या दर्शाते है! "-
जीवन में जब हम किसी
"स्थिति" को बदलने में सक्षम
नहीं होते..
तब हमारे सामने खुद को
"बदलने" की चुनौती आ जाती है!
🌷आपका दिन शुभ हो🙏🌷-
आ़जकल लोगों से नाराज़ होना छोड़ दिया है मैंने,
इस तरहाँ ख़ुद को थोड़ा सा बदल लिया है मैंने।-
मैं पहले जैसी थी,
आज वैसी नहीं ।
मैं आज जैसी हूँ,
पहले वैसी नहीं ।
तुम बदल गई हों,
ऐसा कहने वाले ।
मेरे बदलने की
वजह भी वहीं ।
-
जब आप सोचते है कि
कुछ तो खत्म हो रहा है
थोड़ा सा सोच बदल के देखो
उस समय कही कुछ
नया तो शुरू नही हो रहा
आपके जीवन मे-
लोग मुझसे पूछते हैं तुम कुछ बदल से गये हो "
अब बताओ . . . . .
टूटे हुए पत्ते अब रंग भी न बदले क्या . . ?-
'मैं उस दौर से गुजर चुकी हूँ,
जहाँ पहले कभी कुछ
खोने का डर हुआ करता था,
और अब....
'दिन बदले, शामें बदली,
बदलाव सब में नजर आया है,
तो अब मैंने खुद में भी
कुछ हल्का सा बदलाव पाया है।-