कांटे चुभने पर फ़ौजी ने मुस्कुरा दिया,
शायद वो कांटों के जज़्बात समझ गया,
न जाने फूलों को महफूज़ रखने में
उन्होंने कितनी गालियां खाई होगी।-
शहादत 😢😥😓
जब निकलू तेरी गली से अपने पायल कि खंखांहत एक बार फिर सुना देना,
जब निकलू तेरी गली से चूपसे अपनी छत से झांक लेना,
जब आऊ तेरी गली में अपने आंखो में आशु अपने छुपा लेना,
जब आऊ तेरी गली में अपने आप को संभाल लेना,
मोहब्बत कितनी भी हो लेकिन अब पिता से ये सब छुपा देना,
ज़िन्दगी में दुखों का पहाड़ आएगा लेकिन खुद को संभाल लेना,
मेरी शहादत पर आशु बहाने वाले आंखो को चश्मे से पीछे ही संभाल लेना,
बहुत दर्द दिए जा रहा हुआ हो सके तो खुद को संभाल लेना,
मेरे पीछे मेरी बूढ़ी मां को भी कभी देख आना,
हो सके तो थोड़े दिन उनके मेरी शहादत की बात को छुपा देना,
उनका इकलौता बेटा शहीद हो गया इस गम को कुछ टाइम के लिए झुठला देना,
मेरे पापा के दुखों को भी हाल के आना,
बेटा शहीद हुआ है भारत मां कि सेवा में सीना उनका चोड़ा होगा,
आशु तो नहीं होंगे उनके आंखो में लेकिन गम उनके पास गम बेहिसाब होगा,
दुख तो उनको सबसे ज्यादा होगा लेकिन उनको भी थोड़ा समझा देना,
हो सकें तो अपने साथ मेरे परिवार को भी संभाल लेना,-
ना तो हमे कश्मीर में ससुराल चाहिए,
ना ही हमे वहाँ कोई मकान चाहिए ,
बस हमारा एक भी फौजी अब तिरंगे में लिपट कर न आए,
अब बस ऐसा ही हिन्दुस्तान चाहिए।👍👍
जय हिंद, जय भारत-
मैं कल भी था, आज भी हूं।
फिर गम में डूबे, ये शहरी क्यूं।
हम कल भी राय देते थे,
आज भी सिर्फ मशवरा दे रहे हैं।
हम जीते हैं अपने लिए,
और वह मर जाते हैं बिना जाने हमें।
हम मोहब्बत खोजते हैं, और वह जलती रेत पे,
कड़कड़ाती ठंड में देश की रक्षा करते हैं।
वह हमारी जिंदगी जी ले तो यह किसी को रास नहीं,
हम उनकी जी ले, यह किसी के बस की बात।
याद है ना या सब भूल गए हो,
आंखें नम है ना या खुशियों में ढल गए हो।
वह फौजी अपने परिवार तक को तरसा है,
अपने फर्ज के आगे अपने परिवार तक को भुला है।
क्यूं लड़ते हैं लोग, क्या मिलता है,
जंग के मैदान पर दोनों तरफ से लहू बहता है।
जमीन के नाम पर सियासत करने वालों,
झांक कर देखो शहीदों के घर में,
सालो बाद भी उस फौजी के वर्दी से खून टपकता है।-
माँ तेरी पुकार ना सुन पाया,
जब धरती माँ ने पुकारा था।
राखी भी याद ना आई,
जब धरती मेरी लहू लुहान हुई।
प्रिये तेरा स्नेह भी भूला,
जब शंखनाद युद्ध का गूँज उठा।
श्रृंगार वीर का धर लिया अब,
सम्मुख केवल विजयपथ दिखा।
लहू से धरती सींचने को उतावले,
युद्ध की रणभेरी बजाने चले।
तेरी रक्षा करते हुये चाहे,
प्राण भी मेरे निकल जाये।
पर अंतिम शब्द मुख से यही रहेंगे,
देश मेरा विजय अमर रहे।🇮🇳
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ना हिंदू होते हैं,
ना मुसलमान होते हैं,
हम तिरंगे की आन होते हैं,
हम जीते हैं देश के लिये,
हम देश के फ़ौजी हैं,
हम सिर्फ़ जवान होते हैं।।
Love u bhai 😊
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Profession कोई भी हो
पर फ़ौज तो
हम पहाड़ियों के खून में ही बसा है-
सरहद की रक्षा ,
दिल में प्रण लिए।
गर्व होना चाहिए सबको,
उन जवानों के लिए,
घर की न परवाह किये,
जय हिन्द ! हमारे लिये नारा है,
हमारे वीर जवानों ने
जिससे दिल में उतारा है,
और कहते रहे हैं हमेशा,
💕"सारे जाहाँ से अच्छा ,
हिन्दुस्तान हमारा है,
हिन्दुस्तान हमारा है।।"💕
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जवानी गुजरने वाली है ,ढूंढ रहे सब तुमको पिया
अब तो घर अा जाओ, इस तन्हाई में कहां हो पिया
आला अफसर बोले, तुम चार साल से हो लापता पिया
दर दर भटके तलाश में तेरी गांव की गोरी कहां अटकी है तेरी माया
मौसम बदले, बदली मेरी काया , तरसे नैन ढूंढे तेरी काया
कहां हो पिया ,अब तो घर अा जा ढूंढ रही तेरी छाया.........
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दम तोड़ देती हैं साँसे और रुह भी आज़ाद हो जाती है
सरहद पे मरता है फ़ौजी , ज़िन्दगी सुहागन की बर्बाद हो जाती है-