सुबह सबेरे
और
कुछ आवाज़ें-
6 JUL 2017 AT 5:18
तब पड़ोस की खबर होती थी, दुनिया की नहीं
अब दुनिया की खबर है, पड़ोस की नहीं-
3 SEP 2021 AT 16:07
मेरे पड़ोस में आई है इक हसीन किताब,
बरामदे में अब अच्छी पढ़ाई होती है...!!
~ताबिश-
4 FEB 2020 AT 17:11
हमारे जिँदगी की कहानी कूछ ऐसी है
जिसमे Hero हम
और
Villain पड़ोस वाली aunty hai.😁-
28 NOV 2019 AT 17:16
होता था आस-पड़ोस कभी, थी ये कल की बात..
है ये वो दौर, घर से बाहर, नहीं है किसी के जज्बात-
17 APR 2021 AT 18:57
पड़ोस वाली आँटी एक घंटे से मम्मी
से गेट पर खड़ी होकर बात कर रही है
और बैठ इसलिए नहीं रही की उनके पास
टाइम नही है 😀😅😄😅-
28 OCT 2021 AT 21:44
वो उम्मीद बंधा के चली गई, आवाज़ सुना के चली गई
आई थी पड़ोस में, दिल में आग लगा के चली गई 😜।।-