निगाहों के ज़रिए उतरेंगे दिल में।।
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Anil Jain
(✍️anil kumar jain)
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न मेरा ओर है न छोर है
हवा हूँ, जो सब ओर है!
हवा हूँ, जो सब ओर है!
Joined 15 April 2018
30 APR AT 19:51
उसके
नेह-निमंत्रण के
सामानों में
आंखों के इशारे,
हावभाव,
हाथों का मूवमेंट,
तन की बैचेनी,
शब्दों के सिरों के अलावा
झुमका, पायल, कंगन, बिंदी जैसे
सामान भी शामिल है।।-
30 APR AT 17:43
उसको सीने से लगा लेती हूँ, राहत पा लेती हूँ
पुरजोर मेरा आशिक है, मिलते ही उसके तूफ़ाँ मचा देती हूँ।।-
30 APR AT 9:03
सुबह सुहानी
सबसे न्यारी
ऊर्जा की वो
है पिटारी।।
ठंडी-ठंडी
मंद बयार से
महकाती
मन की फुलवारी।।
उठते हैं जो
सुबह सवेरे
बनती उनकी
दुनिया न्यारी।।-
29 APR AT 8:07
जो फिर से कोशिश करते हैं
इतिहास वही तो रचते हैं
इतिहास अगर वो रचते हैं
सोचो वो कितना दम रखते हैं
दम वालों की है ये दुनिया
सलाम उन्हीं को मिलते हैं
और सलाम उन्हीं को मिलते हैं
जो फिर से कोशिश करते हैं
जो हारी बाजी हरते है
सिक्के उन्हीं के चलते हैं।।-
24 APR AT 17:15
हम खुशियों का इंतज़ार नहीं किया करते हैं
हम हर वक़्त को खुशियाँ से ही जिया करते हैं।।-