QUOTES ON #प्रार्थना

#प्रार्थना quotes

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24 MAY 2020 AT 8:00

मेरे मालिक मुझे ऐसा हुनर दे दे,
मेरी तहरीर में अर्शी असर दे दे।

सँवर जाएगी क़िस्मत हम ग़रीबों की,
मेरे मौला इनायत तू अगर दे दे।

नहीं कुछ सूझता हमको कहाँ जाएँ,
मेरे अल्लाह हमें अब चारागर दे दे।

बड़े बेफ़िक्र हैं हम सब फ़राइज़ से,
तू मज़लूमों की हर दिल को फ़िकर दे दे।

मैं लिक्खूँ इक ग़ज़ल हर दिल बदल जाए,
मुझे या रब कोई ऐसा बहर दे दे।

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17 AUG 2018 AT 8:23

प्रार्थना क्या हैं?
मेहनत के बाद भी शायद किस्मत में जो नहीं लिखीं हुई हों उन हसरतों को पाने का जरिया है प्रार्थना।

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9 MAY 2020 AT 12:20

किसी कीड़े को सड़क पर से हटा देती हूँ,
किसी चिड़िया को चंद दुनके खिला देती हूँ,

क्या ज़रूरी है नमाज़ों में मैं मशग़ूल रहूँ,
चलो एक डूबती चींटी को बचा लेती हूँ।

मेरी लुटया में तो पानी वज़ू का है लेकिन,
क्या ग़लत है किसी प्यासे को पिला देती हूँ।

छोड़िए फूल को दरगाह पे नहीं डालूँगी,
मैं इसे शाख़ पे सजने की दुआ देती हूँ।

मेरे घर में कोई क़ुरआन नहीं रक्खा है,
आज इक नातवाँ बच्चे को पढ़ा देती हूँ।

यह अलग बात है सब हज को चले जाएंगे,
मैं मगर राह के पत्थर को हटा देती हूँ।

मेरे दिल को तो दुरूदों से सुकूँ आया नहीं,
आज चलकर किसी बुढ़िया की दुआ लेती हूँ।

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24 JUN 2019 AT 6:52

मैं नन्हा सा पथिक विश्व के
पथ पर चलना सीख रहा हूँ ,
मैं नन्हा सा विहग विश्व के
नभ में उड़ना सीख रहा हूँ । 

पहुँच  सकूँ निर्दिष्ट लक्ष्य तक
मुझको ऐसे पग दो, पर दो।।
पथ मेरा आलोकित कर दो

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5 JUL 2023 AT 7:56

जिनकी खुशबू बहुत रूहानी है
जो भगवान को पसंद है

पार्थना फूलों की तरह
कोमल है
क्योंकि वो प्रार्थना ही क्या
जिसमें कोमलता ना हो

प्रार्थना वो फूल है
जो किसी एक का नहीं
सब के लिए समान सुगंध देता है
और बताता है भगवान किसी एक
का नहीं है
वह सब की प्रार्थना कुबूल करता है।
ऋtu

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2 SEP 2019 AT 9:12

हर शहर की यहाँ यही कहानी है
जहाँ देखो सिर्फ़ पानी ही पानी है

ज़िन्दगी जीना बेहाल है सबका यूँ
भीगी अब हर चीज़ नयी पुरानी है

बारिश की बूंदों को तरस रहे थे जो
रहम की भीख उन सबकी ज़ुबानी है

बह गये कितनों के अरमान बह गये
तबाही ये ज़मीनी और आसमानी है

गला दिये कितनों के आशियाने इसने
साथ रहने की अब ना कोई निशानी है

शुरू करें एक दूसरे की मदद करना
ज़िन्दगी तो बस इसी तरह निभानी है

हमें पहले से ख़बर नहीं थी "आरिफ़"
हमारी क्या बस इतनी सी नादानी है

सब बह गया "कोरा काग़ज़" हो गया
कलम ने अब कुछ लिखने की ठानी है

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5 JUL 2023 AT 7:55

प्रार्थना वो मूल है जो हमे ईश्वर से रूबरू कराती है,जो एहसास कराती है कि कोई है जो हमे विपत्ति की घड़ी में भी गिरने नहीं देता..
प्रार्थना वो मूल है खिलते जिससे आशीर्वाद के फूल है..सहारा रहे ईश्वर के चरणों का उन्ही की तो हम धूल है...

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22 SEP 2019 AT 9:53

प्रार्थना

अपने कर्मो को ऐसा बना लेंगे हम
मिली भलाईं तो सर को झुका लेगें हम

अभिमानी न होता जगत में बड़ा
इंसान का रब से है नाता जुड़ा

मिले उन्न्त जो शिक्षा हो बेहतर कर्म
नियति का पालन ही अपना धर्म

न रुके अब कभी जो बढ़े है कदम
हो शक्ति का भक्ति से अद्भुत मिलन

......कैप्शन में फूल प्रार्थना पढ़े

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2 MAR 2018 AT 20:09

तुझसे और क्या दुआ मांगू ए रेहेमदिल,
बस कुछ ऐसा कर दे इस नाचीज़ के लिए,
के तेरे रंग में, मैं रंगहीन हों जाऊ।

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19 JUL 2019 AT 9:10

सुबह की चाय के प्याले जैसा आदमी
बिन छुए ठंडी हो बिल्कुल वैसा आदमी

मंज़िल लेकर आँखों में दौड़ रहा है चार-सू
कुछ पैसों की ख़ातिर भीगा कैसा आदमी

हर डगर में हर नगर में इसको है भाता काम
कठिन समय में आगे ही बढ़ता रहता आदमी

खून पसीना अपना एक कर करता है मेहनत
भावनाओं को ठेस लगाता कैसा-कैसा आदमी

अहंकार से भरा हुआ ज्वालाओं में है जलता
क्रोध में आकर बिल्कुल जैसे को तैसा आदमी

ज़िन्दगी को सुखी बनाने को करता है प्रार्थना
सबकी ख़ुशियों की ख़ातिर बारिश जैसा आदमी

समय से पहले कुछ नहीं मिलता दुनिया में "आरिफ़"
इज्ज़त शोहरत पाने को ही कमाता है पैसा आदमी

"कोरा काग़ज़" कहलाता है इच्छाओं से भरा हुआ
कलम की स्याही लिखती जाती बिल्कुल ऐसा आदमी

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