Ritu Sharma   (शब्दों की इनायत)
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Joined 5 March 2023


Joined 5 March 2023
6 HOURS AGO

वो क्या चाहता है हमसे
मैं तो रोज़ पूछती हूं
और वो रोज़ इक नया इम्तिहान
रख देता है मेरे लिए ।

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13 JUL AT 21:44

दिल जलाना किसी से
फितरत ही कुछ ऐसी है
हम हर किसी के दुख में दुखी
और खुशियों में खुश हो जाते हैं।

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2 JUL AT 18:04

जब दर्द दिल का बढ़ जाता है
बरसता है आंखों से कराह बन कर
सब धुंधला सा लगता है
सब नज़रों का धोखा लगता है।

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2 JUL AT 8:41

जिंदगी जीने के लिए
खोज जारी रहे
बेहतर कल के लिए
खोज जारी रहे
स्वयं में स्वयं को ढूंढने की
खोज जारी रहे
लक्ष्य को पाने की
खोज जारी रहे।

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21 JUN AT 20:16

चित्र से चरित्र का पता नहीं चलता
और
चरित्र से चित्त का।

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19 JUN AT 16:06

दुनियां में हर चीज़ की कॉपी हो सकती है
बस एक यही हमारी छाप है
जो कोई कॉपी नहीं कर सकता
कितनी अद्भुत है ना ये भगवान की रचना
जहां खूनी रिश्तों का भी कोई मेल नहीं होता
आपकी प्रमाणता के लिए आपको
अंगूठा छाप बनना पड़ता है
फिर चाहे आप कितने भी अनुभवी हो
या कितने ही बड़े अफसर
उस प्रभु के सामने सब एक समान हैं
अंगूठा छाप।

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19 JUN AT 9:51

उन्हें मालूम है कि फ़र्क कहां से पड़ता है
मेरे कातिल मेरे अपने ही
उन्हें मालूम है कि दर्द में क्या क्या पिसता है।

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15 JUN AT 12:29

पिता
क्या वो थकते नहीं हैं
क्या उन्हें दर्द नहीं होता
जी हां वो थकते भी हैं
और उन्हें दर्द भी बहुत होता है
आंसू भी निकलते हैं उनके
लेकिन परिवार की ज़िम्मेदारियों के चलते
वो खुद को भूल कर बस
उन्हें पूरा करने में लगे रहते हैं।
Happy Father's day 💐❤️

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12 JUN AT 12:37

आती हैं वो यादें
जिनमें दर्द है गहरा
जो जब जब याद आती हैं
गहरा ज़ख्म दे जाती हैं
कैसे मिला अपनों से धोखा
कैसे मुझे नकारा गया
जब जरूरत थी मुझे अपनों की
किसी से ना कोई सहारा मिला।

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12 JUN AT 12:31

अक्स अपना देखकर
आज विचलित है मन
सब धुंधला सा रहा है
क्या है इसका अर्थ
क्या सब खत्म हो रहा है।

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