एक इबादत की तरह तुम तुमसे चाहत है
एक इनायत की तरह तुम तुमसे मोहबत है
एक हसरत की तरह तुम तुमसे गुफ्तगू है
एक कायनात की तरह तुम तुमसे ये जिंदगी है-
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जिंदगी में कुछ सुकून का अभाव हमारे मन में है,हर कदम पर जो इसने दिए वो घाव हमारे मन मे है,एक ही शख्स जिंदगी बन गया छूटता नहीं जो लगाव हमारे मन में है...अभाव हमारे मन मे है।।
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लिखना ✍️✍️✍️
चिल्ला रहा हु मै इन ख्यालों के पन्नों पर मेरी खामोशियों का मै शोर लिख रहा हु,उलझा न जाने किस व्यथा में मै आज कल का दौर लिख रहा हूं, सुकून की तलाश है इस मुसाफिर को राह ए सफर में,बरसात नहीं इस मरुस्थल में फिर भी घटा घन घोर लिख रहा हु..चिल्ला रहा हु मै...-
रोक दो वो पल जो हमारे दरमिया है,बाहों में बहे तेरी सांसों में भी गर्मियां है,उलझा रहूं तेरे जुल्फों में मै लबों पर तेरे लबों की नरमिया है...,😍😍😘
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जीवन के हर मोड़ पर ये हौसला ही तुम्हारे काम आयेगा,बिखरे होंगे तुम सूखे पत्तों की तरह फिर भी राही अपने कदम बढ़ाएगा,सितम करती रहेगी ये जिंदगी तुम पर,बेबस होकर तू फिर भी मुस्कुराएगा, मुक्कमल हो जायेगी मंजिल भी एक दिन,तब जाकर ये कमल खिल जायेगा......💜💜💜
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जाने क्यों..
जाने क्यों ये दिल जुस्तजू करता है
जाने क्यों एक ही राह चुनता है
जाने क्यों ख्वाब उसी के बुनता है
जाने क्यों ठहरा एक ही बात पर,
जाने क्यों उसी के आगोश में ढलता है
जाने क्यों टूटता उसी की ख्वाइश में
जाने क्यों सफर उसी पर चलता है,
जाने क्यों सब्र उसी के सासो में
जाने क्यों फिर भी बेचैनी पालता है
जाने क्यों .....-
रात का अफसाना आंखो से नींद का ओझल हो जाना,रात कहानी बन जाती है उन मुक्कमल बेचैनियो की जो एक एहसास से होती है, सिमटते हुए खुद में ही जैसे बात भी अब खुद से होती है,रात का सफर उन हसरतों का सफर जिनके तकिए के नीचे नींद मेरी सोती है,रात कहानी बन जाती उसके ख्वाबों की जिस चांद से गगन में चांदनी होती है....
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ताना बाना बुन रही ये हसरतें ,शिकायते हजार सुन रहीं ये हसरतें, फक्त इतना है के मुस्कुरा देता,मुझे खुद में समेट रही ये हसरतें,शिकवा करे भी तो बेचैनी मुक्कमल हो जाए,सब्र में सुकून की तलाश कर रही ये हसरतें,हर रोज बनता कुछ हर रोज टूट जाता इस दिल के मकान में,जाने अब रूह में बिखर रही ये हसरतें,सफर ए जिंदगी कुछ इस तरह कट रहा है,हर दिन एक सितम कर रही ये हसरतें.... ताना बाना बुन रही ये हसरतें....
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सब छुपाकर मुस्कुरा देना खामोश जुबा आंखो का सब जता देना,वाकई हुनर तो लिए बैठे है ऐसे लोग हुआ बहुत कुछ और कुछ नही हुआ और बस मुस्कुरा देना,कितने तूफान को समेटे हुए अंदर ही अंदर बिखरे बिखरे से ख्वाब भी , चलो खुद से प्यार करने के पहले कदम से खुद को सवार देना...
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रात हसरत लिए हुए अपने पनहाओ में किस्सा छेड़ रही है हाल ए दिल नादान का, एक शख्स ख्वाबों में बनता हुआ जो था अनजान सा,सुरमई आंखे रात का आशियाना जुल्फों में चेहरा जैसे टुकड़ा हो चांद का,जुस्तजू करते उसकी गुफ्तगू करते उसकी जैसे प्याला हो कोई जाम का...रात हसरत लिए हुए..
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