कितना अजीब है न ये कि
हम कई बार उन लोगों को
भी खो देते है जो कभी हमें
मिले होते ही नहीं....
और उनको पा लेते है जो
थे तो हमारे पास ही पर
हम उनको कभी नोटिस नहीं
करते और फिर अनायास ही
बस यूँ कह सकते है की इस
खोने और पाने के बीच छूटने
लगता है वो पल जिसे हम जीना
तो चाहते थे पर खो बैठे...
और जिसे सच मे खोना चाहिए था
वो अनायास ही हम जीते रहे |-
कधीतरी स्वतःशी असाही एक प्रश्न करावा ,की ज्याने
माणसांच्या वर्दळीशी प्रेम व्हाव आणि एकांत आतल्या आतच मरावा !
कधीतरी स्वतःशी असाही एक प्रश्न करावा,की ज्याने
आपल्या खोटया बोलण्यालाही खऱ्याचा धीर देता यावा !
कधीतरी स्वतःशी असाही एक प्रश्न करावा, की ज्याने
जगण सोप होईल आणि मरणाला थोडे दिवस विश्राम घेता यावा !
कधीतरी स्वतःशी असाही एक प्रश्न करावा,की ज्याने
आपल्यात स्पष्टता रहावी आणि दुसऱ्यांचा अंदाज गोंधळून जावा !
कधीतरी स्वतःशी असाही एक प्रश्न करावा,की ज्याने
वास्तविक स्वप्न डोळ्यात दिसतील आणि फसव्या स्वप्नांचा चुराडा व्हावा !
कधीतरी स्वतःशी असाही एक प्रश्न करावा,की ज्याने
स्वतःच्याच उत्तराने मन समाधान व्हाव आणि पुन्हा तो प्रश्नच निर्माण न व्हावा !-
ढूँढ नही पाता हूँ
कभी कभी
जवाब
आँखो के दो सवाल
प्रश्न चिन्ह सहित
जब देखता हूँ
खुद को आईने में
यूँही-
है दुनिया कईं और भी.....
करो हिम्मत,कदम दो-चार बढ़ाओ।
जियो ऐसे,सभी के आदर्श हो जाओ।।
रुकना नहीं सफर-ए-जिंदगी है इससे भी आगे तक..
पीछे खड़ा दिवार के,मन कोई मौत न मांगे।।-
बरसात के मौसम में
निहारते बादलों को
उनसे टपकती बूंदों को,
बैठे एक कोने में
चुपचाप खामोशी से,
पक्षियों का कलरव और
फैले सन्नाटे के बीच
अजीब सा अहसास
जो शब्दों में नहीं बांधा जा सकता,
बस अनकहा सा
आंखों के सामने चुपके से उतरकर
दबे पांव
हमारे आस पास ही ठहर जाता है,
मन कभी बोझिल तो
कभी उलझा बस निहारता है,
बूंदों से बनी छोटी नदी को
जो बह रही है
निरंतर अपने गंतव्य की ओर,
और मैं ठहरा हूं
अभी भी उसी जगह
जहां से शुरू हुआ था,
मेरा
मेरे मन से खेल।
-
कोई क्यों आता है जीवन में
कोई क्यों जाता है जीवन से
प्रश्न यही हर बार
मेरे कोमल से इस मन में...
12अगस्त2021
2:55pm-
एक प्रश्न यूँही
क्यूँ भूलने लगते है हम
खुद को
जब अपनो को हम
जानने पहचाने लगते है
खुद से अधिक
क्या कहोगे इसको आप
प्यार, समर्पण या
विश्वास एकदूजे पर
यूँही-
आज कुछ प्रश्न मैंने भी उठा लिया है,
कुछ करके दिखाने को मैंने भी ठान लिया है,
थोड़े जिद्दी ही सही, जिम्मेदारीयों को समझ लिया है,
हर मुश्किल का सामना करना मैंने भी सीख लिया है,
जिंदगी से अंधकार मिटाना है,
आज मुझे भी कुछ करके दिखाना है....।।
-
ऐसा क्या है.....?
मोहब्बत में जिसे पाने को,रिझाते और रीझ जाते हैं
मिल जाने को कहते, की दुनिया ये सारी मिली
न मिले तो, खुद ही खुद से खीझ जाते हैं।
आखिर क्या है मुहब्बत में ऐसा....?-
चाशनी मतलब मिठास
ये शब्द सिर्फ
"खुशहाली का प्रतिक"
होना चाहीए,
इसे आसुंओ से क्यो जोडना?-