तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो
प्यार मुझसे और बातें किसी और से करते हो...।।-
मेरे कोट्स पसंद आए तो फॉलो करना बिल्कुल न भूले, और लाइक कमेंट एवं शेय... read more
उसको परेशान करने का मन नहीं रहता
क्या करे दिल तो पागल है न
समझता ही नहीं है कुछ भी...।।-
मैं उसको परेशान नहीं करना चाहती
मगर क्या करूं मैं...
वो मुझसे परेशान हो ही जाता है....।।-
वो धीरे धीरे भूल रहा है मुझे
किसी ने पकड़ रखा है उसे
भूल नहीं पाती मैं वो सारी बातें
जो वो कहता था हर रोज मुझे
उस लड़की का आना मेरे लिए मातम छा गया
क्या वो जरूरी थी उसके लिए
जो उसने मेरे दिल को तोड़ दिया
अब आंसुए बहती है रातदिन
अब उसकी यादें घेरी हुई है रातदिन
कैसे समझाऊं मैं उसे
कोई भी लड़की बात करे उससे तो
काटें की तरह मेरे सीने में चुभती है रातदिन....।।-
अपने शादी से पहले अपने प्यार को बहुत बार समझाया होगा,
नहीं रह पाऊंगी आपके बिन कितनी बार गिड़गिड़ाया होगा,
कैसे थाम लूँ अनजान लड़के का हाथ थोड़ा तो दर्द जताया होगा,
रुकी नहीं होगी आंसु उसकी न जाने कितने दिनों तक आंसुओं को बहाया होगा,
एक अच्छी बेटी का फ़र्ज़ तो उसने बखूबी निभाया होगा,
प्रेमी से दूर होने का डर उसको बड़ा रुलाया होगा,
आज उसकी शादी थी न चाहते हुए भी साथ जन्मों का वादा निभाने की कसमें खाया होगा....।।-
आज मैंने उसके और मेरे पुराने चैट्स पढ़े,पढ़कर अच्छा तो लगा मगर बहुत बुरा भी लगा। अच्छा इसलिए लगा कि पहले मैं अच्छे से बात करती थी उससे, गुस्सा कम करती थी, गुस्सा हो जाने पर जल्दी मान जाती थी,और बुरा इसलिए लगा क्योंकि अब मैं पहले जैसे बात नहीं करती हूं, गुस्सा रहती हूँ दिनभर, पहले उसका अच्छे से ख्याल रखती थी, अब गुस्सा बहुत आता है इसलिए उसका ठीक से ख्याल भी नहीं रख पाती। न जाने क्या हो गया है मुझे?मैं खुद से ही सवाल कर रही हूँ। न जाने क्या हो गया है मुझे, मैं क्यों नहीं समझ पा रही हूँ कुछ भी। मैं पुरानी सुप्रिया क्यों नहीं बन पा रही हूँ? आखिर हो क्या गया है मुझे जो मैं समझदार से नासमझ हो चुकी हूँ ?इन सवालों के जंजीरों से मै कब निकल पाऊंगी, ये प्रश्न मेरे दिमाग में हर वक्त घूमते रहता है। क्या मैं कभी पहले जैसी सुप्रिया बन पाऊंगी, ख्याल रखने वाली, respect करने वाली, smile करने वाली, उसका हर वक्त ध्यान रखने वाली, क्या मैं फिर से उसकी अच्छी दोस्त बन पाऊंगी....?
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मैं भटकती हुई सी एक पागल लड़की हूँ,
तुझे अपना बना लूँ....
बस इतना सा ख्वाब रखती हूँ...।।-
कैसे बोल दूँ झूठ मैं अपनी माँ से
उसने रातों को
मुझे किसी के लिए रोते हुए देखा है...।।-