मैं खो गया हूँ कहीं, ज़रा आवाज़ लगा देना
जो दिख जाऊँ कहीं, हाथ पकड़ बैठा देना
कुछ उदास मायूस सा, रहता हूँ आजकल
कोई करतब दिखाकर, ज़रा सा हँसा देना
तवंगर दुनिया नहीं समझेगी मेरी तिश्नगी
तुम चुपके से एक, जाम और पिला देना
मेरे यार का पैग़ाम लिये, ढूँढ रहा है मुझे
उस क़ासिद को तुम, मेरा पता बता देना
सुना है ख़्वाबीदा कहीं सो गया है 'सागा'
जो दिख जाये तुम्हें, उसे ज़रा जगा देना
- साकेत गर्ग 'सागा'
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