तुम्हारी राजनीति में.........
हरदम सैनिक और शिक्षा
पीसती आ रही है,
और हम भी तो
हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।©-
सिंहनी के उदर के जाये हम, सिंह भाँति ही दृढ़ हठ पर हैं अडे़।
जीवन तर्पण कर मातृभूमि पर, युगों तक अपना नाम अमर करे।
योद्धा हैं हम जैसे कौन, जो ओजस विजय रथ पर चढे़,
नरसिंह की भाँति हम, करते हुए गर्जन, हुंकार भरे।
शावक, सिंहनी की गोद से, छीन सकता है भला कौन?
संघर्ष करती वो तब तक, जब तक काया में बाकी है शोण,
दो सिंहीयों की कोख, की जायी हैं हम संताने।
छलघात करे कायर हम पर, कहो तुम क्यूँ हो मौन?
विचलित ना होते हम, शत्रु के घातक हथियारों से,
क्रोधित, कुंठित हैं मन, मुट्ठी भर कृतघ्न गद्दारों से।
व्यथा केवल इतनी है कि, मौका चूके शौर्य दिखाने का,
वरना सिंह हुए भयभीत कभी, कायर, आतंकी सियारों से?
उपेक्षित हुए स्वजन से, तो कुंठित, क्यूँ ना ये मन हो।
चुप केवल बैठे हैं कि, घाटी में अमन के फूल खिले।
मृत्यु है परम सत प्रारब्ध, तो फिर क्यूँ ना ऐसा रण हो।
सिंह को सिंह जैसा साहसी ही, क्यूँ ना फिर अंत मिले।-
बच कर रहना अब आतंकवादियों,
बहुत बुरा होगा इसका अंजाम..
इससे बुरी बीतेगी तुम पर भी जब,
तब याद आएगा तुम्हारा ये काम..
उन 40 जवानों की शहादत का,
तुमसे हम बदला जरूर लेंगे..
देशवासियों को शांति तभी मिलेगी,
इरादों में नाकाम होकर जब तुम्हारे लहू बहेंगे..-
हौसला नहीं है कमीनो,
जो घात लगाकर आघात करते हो,
खुं का बदला ख़ूं ही है,
खाक मुहब्बत की बात करते हो।-
किसकी थी ख़ता, अब उनके हिसाब लिख दो,
पुलवामा की ज़मी पर, फिर इन्कलाब लिख दो।
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हर कोख, हर सुहाग,
हर कलाई पुकार रही है,
हर बलिदान, हर शहादत,
हर कुर्बानी पुकार रही है,
आंखों में आसूं, दिलों में आक्रोश,
रंगों में आग दौड़ रही है,
समूल विनाश करो गद्दार कायरों का,
भारत माता आज पुकार रही है,
***
कभी सोते हुए पर,
कभी पिछे से वार करते है,
खोफ है हमारे वीरों का,
सामने आने से डरते है,
***
कुर्सी के खातिर ईमान बेचने वालों,
राजनीति के तलवे चाटने वालों,
देश बचाने वाले सीमाओं पर बहुत है,
तुम चुप रहो अंधी सत्ता चलाने वालों,
***
मंदिर के कपाट अब बंद किजिए,
बहुत सब्र कर लिया ऐलान किजिए,
जंग लग रहा है मिसाइलों में पड़े-पड़े,
एक नहीं सौ सर्जिकल स्ट्राइक किजिए,-
हमेशा से लड़कियाँ पुछा करती हैं कि आखिर अपने घरों से हमें ही क्यूँ विदा होना पड़ता है लड़को को क्यूँ विदा नहीं किया जाता ,,
आज उन सभी लड़कियो / महिलाओं को कुछ पँक्तियाँ समर्पित :-
किसने कहा कि बेटे घर से विदा नही होते..👮♂️
"जब बेटे विदा होते तो वो घर से नहीं दुनिया से विदा होते हैं और भारत माँ का आँचल लाल कर जाते..!!"
● सभी शहीद भाइयों को शत शत नमन 😪🙏-
【'ब्लैक डे'】
वो दिन भी कितना काला था,
जग में हुआ अंधियारा था,
माँ की आस भी टूट गई
बेटे की सासें जब छूट गई,
क्या बीती होगी उन घरवालों पर,
जब शव तिरंगे में,बेटे का पाया था,
आँखों मे सबकी आंसू थे......😢
फिर भी,हाथ सलामी को उठाया था,
इसलिए भारत का हर 'सैनिक'
मरकर भी अमर कहलाया था।।
।।'जय हिंद'।।— % &-
ए खुदा मैं जब मरूं तो मेरे तन पे तिरंगे के अलावां
कोई दूसरा कफन ना हो ,
गर दुबारा जन्म हो मेरा तो हिंदुस्तान के अलावां कोई दूसरा वतन ना हो ,
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳-
किसी की काैख़ खाली है,ताे किसी कि राख़ी टुट गयी,
किसी का सिंदुर मिट गया,ताे किसी कि लाठी टुट गयी.!-