Monu Jangid  
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Joined 22 June 2018


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Joined 22 June 2018
29 JUN 2019 AT 21:36

जिंदगी चल रही है वक्त ठहरा हुआ है,
ख़ामोश है ख्वाहिशें असर गहरा हुआ है,
रंज सहना पड़ रहा है कुछ फैसलों का,
खुद के वजूद पर खुद का पहरा हुआ है,

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5 JUN 2019 AT 17:57

एक शौक अब यह भी रखना होगा
हवा पानी और पेड़ों को बचाना होगा
अमूल्य सौगातों की तबाही रोक कर
प्रकृति का अहसान अदा करना होगा

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5 MAY 2019 AT 18:35

जो जिस्मों को समझें,
रुह को छू नहीं सकता।
वो कुछ भी हो मगर!
प्यार हो नहीं सकता।।

जो बचपन बीता आंगन,
बिन दीवारें रह नहीं सकता।
वो कुछ भी हो मगर!
घर हो नहीं सकता।।

जो छप्पन भोग लेकर के,
भुख मिटा नहीं सकता।
वो कुछ भी हो मगर!
खुदा हो नहीं सकता।।

जो अंबर निरखे आंखों से,
जमीं को देख नहीं सकता।
वो कुछ भी हो मगर!
मंजिल पा नहीं सकता।।

जो नयनन नीर देखकर,
पीर को समझ नहीं सकता।
वो कुछ भी हो मगर!
इंसान हो नहीं सकता।।

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8 MAR 2020 AT 19:29

स्थिर हालातों को कब तक देखोगे,
इस किस्मत को कब तक कोसोगे,
उठो जागो अकर्मण्यता को करो धराशाही,
अब तुम कर्म युद्ध को कब तक रोकोगे,

इरादों को दृढ़ कर बढ़ने का संकल्प धरो,
कर निर्णय निश्चय प्रखर इच्छाओं को पूर्ण करो,
यूं सहते सहते सुनते सुनते काम नहीं चलने वाला,
हो तीक्ष्ण तेज उग्र प्रचंड ऐसी एक हुंकार भरो,

राह कठिन है चलना होगा अंत तक लड़ना होगा,
पराकाष्ठा तक जलना होगा कंकड़ से कनक बनना होगा,
आंख का हर एक आंसु मोती ना बन जाए तो कहना,
लेकर अटल अडिग प्रतिज्ञा सफ़र शुरू करना होगा,

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29 FEB 2020 AT 8:17

वो मेरी आंखों में बसी हुई है,
में उसकी आंखों में बसा हुआ हूं,
वो मेरी आंखों से प्यार करती है,
में उसकी आंखों से प्यार करता हूं,
कितने अल्हड़ है हम दोनों?
वो उससे प्यार करती है!
में मुझसे प्यार करता हूं!!

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28 FEB 2020 AT 18:12

मुझे नसीहतें देने वालों सावधान रहना!
मेरा एक फ़ैसला तुम्हें बैचेन कर देगा!!

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25 FEB 2020 AT 15:26

आशिकों की आंखें नहीं खुल रही ख्यालों से!
हमने नींद गिरवी रख दी है सपनों के लिए!!

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10 SEP 2019 AT 2:46

घोर अंधेरे में नन्ही काली आंखों से
टिमटिमाते तारे देखना है उम्मीद..
मन के दरिया में कागज की बनी
रंगीन नांव का चलना है उम्मीद..
सरहदों के पार से चिट्ठी का
पते पर आ जाना है उम्मीद..
एक बीज में वृक्ष का पलना,
क्यारी में फूल का खिलना,
मृत घास प्रस्फुटित होना,
पपीहे की प्यास बुझना,
एक बच्चे का चलना,
मोती का मिलना,
सांसों का आना,
सोकर उठना,
लिखना,
है उम्मीद..
रख उम्मीद..

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5 SEP 2019 AT 9:32

रोज सिखाती है रोज पढ़ाती है!
जिंदगी तेरा कोर्स कब पूरा होगा?
📓Happy teachers day📓

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4 SEP 2019 AT 11:49

सौ रूपए की चॉकलेट कुछ मीठा हो जाए!
खाएं तो मर जाए! ना खाएं तो कहां जाएं!
एक की दस और दस की सौ आती थी!
बचपन वाली टॉफी! लाएं तो कहां से लाएं?
कितना अच्छा बचपन था सस्ते में,
दो चार किताबें ही होती थी बस्ते में,
लाइब्रेरी के निशान पड़ गए पीठ पर,
आजकल के बच्चे जिएं या मर जाएं!
यह दौर कितना उलझ गया है दामों में,
भाग रहे हैं क्षणिक सुख के कामों में,
शायद रास्ते भटक गए या भूल गए!
घर-ऑफिस-घर जाएं तो कहां जाएं?
कभी फुर्सत मिले तो रुक जाना,
हंसना! मुस्कुराना! खिलखिलाना!
बड़ा बुजुर्ग बच्चा बन जाना,
सफर की सफलता तो मौत ही है,
सफलता से पहले मत मर जाना!

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