वक्त और जिम्मेदारी ने कुछ इस कदर झकझोर कर रखा है,
मजदूर है या मजबूर समझ नहीं आता..-
नहीं आये जिन्हे हमने बुलाया था इशाराें सें
वाे कश़्ती के मुसाफ़िर थे नहीं बाेले कि... read more
दिल हाे जाता है गुमनाम
सबका भला करते है हम
फिर भी रहते है बदनाम
@alfaaz_of_jD
-
ग़ज़ल -
हम ताे रिश़्ता ताेड़ चुके हैं
तुम चाहाे ताे गाेया आशिक
जाँन की ग़ज़लें सुनता है बस
छत पर बैठा तन्हा आशिक
Read caption
-
रूख़्सत सा लगता है जमाना आजकल,
खाेया खाेया सा है ठिकाना आजकल..!
फुलाे से खुश्बू उड़ी उड़ी सी लगती है,
जब से तुमने छाेडा है आना आजकल..!
अपने ही खर्चे जबसे ख्वाहिशाें से रूठे है,
फिजूल सा लगता है कमाना आजकल..!
इशाराें में बेश़क उससे बात ताे हाेती है,
निशाने पर नही लगता निशाना आजकल..!
ना जाने क्यू सिर्फ खुदके साये काे छोड़कर,
हर शक़्स लगता है बेगाना आजकल..!
-jitendra soni-
रात काे समेट कर साेये थे कई दर्द काे तन्हाईयाें में हम,
खबर ना थी अगली सुबह़ दिल की बेैचेंनियाँ आैर बढा देगी..
Tooti_dor-
अश़्क ना राेते कभी आंखाे के दरिचाे पर,
काश़ लबाे से तेरा नाम पुकारा ना हाेता..!
तुम नजराे से मेरे कबकी उतर गई हाेती ,
ग़र आंखाे का आंखाे से इशारा ना हाेता..!-
मांँ-ममता का आचंल है प्यारा ,
इश्क की रवानी नही चाहिए
दुनियां है सारी नकाब भरी,
हमे ये जवानी नही चाहिए ..-
तन्हाईयाे काे कुछ इस कद़र कैद़ किया हमने ,
रह गए आसू कुछ यू बेबसियाे मे सिमटकर...
वाे गए जब दिल की दहलीज़ काे छाेडकर ,
पुरी रात राेई कुन्डियां दरवाजाे से लिपटकर...-
आज नही ताे कल कभी ताे मेरी तराश हाेगी,
जब हम कायनात के हाेगें तब तु मेरे पास हाेगी..
तुम मुस्कुरा के हमारे कानाे मे कह देना माेहब्बत है,
हम ताे नही हाेगे करीब बस हमारी लाश़ हाेगी..-