हमें समंदर का इतना यूँ ख़ौफ़ न दिखाओ मियां,
हमने उसके हंसते हुए गालों में ही भंवर देखे हैं!
हमें आसमाँ के चमकते तारों से नहीं है लेना देना,
हमने उसकी आँखों में सितारे उतरते हुए देखे हैं!
हमें सात सुरों की सरगम लगती है बेसुरी लयताल
हमनें उसके पायल के घुंघरू की खनक देखी है!
हमें सावन की काली घटाओं से नही पड़ता फर्क,
हमनें उसकी बहकती लटों की आवारगी देखी है!
हमें सुर्ख गुलाब मासूमियत की मिसाल ना दो तुम,
हमनें उसके दहकते हुए लबों की नजाकत देखी है!
हमें कभी लग ही ना पाएगी किसी की बुरी नज़र,
हमनें उसके माथे, नजर की काली बिंदी देखी है!
हमें तुम चाहे कितना ही बेवजह बहका दो "राज"
हमनें उसकी मांग में मेरे नाम का सिंदूर देखा है! _राज सोनी-
खूबसूरत है उसकी हर एक अदा
क्यों ना हो कोई उस पर फिदा
उसके पैरों की सादगी मत पूछो यारों
बस एक काले धागे ने ही कहर बरसा-
महक जाऊं तेरी जिंदगी के हर खुशनुमा लम्हे में,
काश, मैं तेरे हाथों में मेहंदी सा रचा-बसा होता!
धड़क जाता मेरा दिल तेरे आने की आहट से ही,
काश, मैं तेरे पैरों में पायल की सी झंकार होता!
खनकता रहता मैं तेरे दिल मे हर पल हर लम्हा,
काश, बन के चूड़ियाँ मैं, तेरी कलाई में होता!
चमकता मैं चाँद की तरह अमावस की रात में भी,
काश, बन के काजल तेरी आँखों मे समाया होता!
खुशबू की तरह बिखर जाऊं तेरी हर मुस्कुराहट में,
काश, बन के गजरा मैं, तेरे बालों में इतराया होता!
बन के सूरज दमकता मैं ओज सा तेरे तन-मन मे,
काश, मैं तेरे माथे की सुर्ख दमकती बिंदी होता!
बना लूँ तुमको जन्म जन्मांतर का जीवनसाथी,
काश, मैं तेरी मांग का अमर सुहाग सिंदूर होता!
__राज सोनी-
आज उसने तुम्हारे दिए हुए पायल को उतार फेंका जानते हो क्यों जो पायल उसे तुम्हारे प्यार की निशानी लगती थी आज वही पायल उसे उसके अरमानों में लगी बेड़िया नज़र आ रही है... 💔
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छुए तो नहीं कभी किसी के पाँव माँ-बाप के अलावा लेकिन..
वो जो पायल बांधने को बोलेगी तो झुक जाऊँगा मैं..!-
Itna sukoon toh "संगीत" me bhi nahi,
Jitna teri "पायल" ki jhankar
Sun kar milti hai.-
महज़ ख़्वाहिश में पाने की तुझसे इक जोड़ी पाजेब,
हम सबसे ये कहते रहे 'हमें बंदिशों की ख़्वाहिश नहीं'-
वो ज़ुल्फ़ों का आँचल मोहब्बत से पहले
किया मुझको घायल मोहब्बत से पहले
मेरे दिल में कुछ-कुछ लगातार होता
बजी उसकी पायल मोहब्बत से पहले
वो क़ातिल अदाएँ निगाहें नशीली
हुआ हूँ मैं पागल मोहब्बत से पहले
वो आँखों का काजल बनाए दीवाना
दिखे वो मुसलसल मोहब्बत से पहले
जो 'आरिफ़' के दिल पर है ढाए क़यामत
ये ज़ुल्फ़ों का बादल मोहब्बत से पहले-