आज हूं उदास
कोई नहीं है पास
बस यही है बात
किसको बुलाऊं पास
कोई है रूठा ,आज की रात
नहीं हुई बहुत दिनों से बात
है रेत की रानी,करती नहीं बात
कोई तो बताएं , वो है मेरी खास
रहती है हर पल दिल के पास
क्यू नही करती मुझसे बात
आज अा रही उसकी बहुत याद
चांदनी है रात ,खिला है आज चांद
उसके मुखड़े जैसा खिला है पूरा चांद
काले बादलों का पहरा है
मेरे चांद से अभी झगड़ा है
कब करेगी बात
कब होगी पास
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