इस जलती धुप में बेपरवाह,
मुस्कान जो ठंडक देती है।
उम्मीद के उखड़े क़दमों के,
हर दर्द को सोख ये लेती है।।
इक मकसद दिल में पालो तो,
अपनी इक धुन जो गालो तो।
कुछ करने का इक जुनूँ उठा,
अपनी पतवार संभालो तो।।
पल तो कोई ना रुके कभी,
मन में ये बात बिठा तू भी।
इस पल को साथ में लेके अब,
हर पल पे यूँ छा जा तू भी।।
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