I was looking in his eyes
He was lost in my eyes
:- आँखे चार हुयी
मोहब्बत परवान हुयी
Oh wait not only four
His mother was also starring us
:- आँखे छह हुयी
Romance शहीद हुआ
😂😂😂😂😂😂😂😂
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एक अरसे बाद जब छुआ खुद को कुछ नहीं था
सिहर उठी मेरी रूह उसके बदन पर कुछ नहीं था
एक बंद कमरा टूटी खिड़की दरकी दीवार टूटा फ़र्श
सबसे सुना यही पर देखा तो वहाँ कुछ नहीं था
इश्तेहार हो गई थी जो ख़बरें ताज़ी बासी हो गई
उठा कर देखा अखबार तो देखा नया कुछ नहीं था
दारोग़ा ने पंचनामा लिक्खा तो जिस्म पर बहुत कुछ था
रपट में मगर मेरी लाश की आया कुछ नहीं था
एक अरसे बाद जब ..-
इथेच तर आपण चुकत असतो,
कुठल्याही नवीन बातमीवर,
कुठलीही शाहनिशा न करता,
लगेच विश्वास ठेवत असतो.
स्वतः विश्वास ठेवून,
इतरांनाही ती सांगत असतो.
आणि जेव्हा गावभर फिरून
तीच बातमी पुन्हा आपल्याकडे येते,
तेव्हा मात्र आपणच तिला अफवा म्हणत असतो.-
उस यादों के बस्ती में एक मकान बनाना है,
सुना है,उहाँ फर्जी रिश्तों से किराया मांगते है,
तसल्ली है हमे भी वसूली लेंगे उन गैरों से,
बात अगर टूटे दिलों की है पंचनामा,
तो मोहलत ले कर आज ही हम रजिस्टर करते हैं...
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पत्थर दिल को हे पिघलना, खुशियों के फूल खिलाना, बुलाकर बाग़ीचे में मिलना, यही है प्यार का पंचनामा।
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सौ-सौ बहाने कर ले
मुझे भूल नहीं पाएगा।
वक्त कहते हैं इसे,यह
किस दिन काम आएगा।
बद्दुआ नहीं देती मै
पर आंखें देने वाला,बरसाएगा।
मैं तेरी मोहब्बत को तरसीं हूं
तुझे कोई और तरसाएगा।
नम्रता चांडक ✍️
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अफसोस - न करके हुआ
अफसोस कुछ करके हुआ
ये जिंदगी ऐसे कटती रही
जिन्दगी आजकल होती रही-
ये शायरी तो बस मेरी अपनी यादों का ही पंचनामा है
यूँ तो उन्हें मुझे भूले हुए , हुआ इक पूरा ज़माना है
" राजन डायरी "-