तुम्हारा नाम .. बहुत अजीब है ये ज़रा भी मेल नहीं खाता तुम्हारी शख़्सियत से तुम्हारा नाम .. बहुत वाचाल .. बेहद शोखियाँ लिए उन्मुक्त और हलचल से भरा है और तुम .. कोई उदास .. ख़ामोश सी तस्वीर जैसी .. ज़िन्दगी नाम से नहीं चलती ना ही ज़िन्दगी का कोई वास्ता होता है नाम से और फिर नाम में क्या रखा है याद किये जाने के लिए ज़िन्दगी जीने के तरीक़े ही काफ़ी होते है बाक़ी नाम से तो एक ढूंढों हज़ार मिलेंगे
बता चुकी हूँ जो बात फिर न बताऊँगी, नयी उम्मीद, नयी है आरजू चिराग भी नया ही जलाऊंगी, जिसका नाम है मेरी पहचान उससे आज जमाने को मिलाऊंगी, अब मुझे किसी से डर नहीं गर आँधियाँ भी आयीं तो, वो मुझे बुझा न पाएगीं,