Jyoti Shakya   (ज्योति (एक उम्मीद की लौ))
2.5k Followers · 14 Following

read more
Joined 9 August 2018


read more
Joined 9 August 2018
21 SEP 2022 AT 10:59

इस झूठी मुस्कराहट को,
लादे थक चुके हैं हम।।
सांसे चल रही हैं पर,
कबके मर चुके हैं हम।।
कोई तो दफ़ना आओ,
टूटी हुई ख़्वाहिशों को मिरी।।
बरसों पहले ही दिल से,
रुख़सत कर चुके हैं हम।।

-


28 JUL 2022 AT 13:08

प्रिय मित्रों
एक बार जरूर पढ़ें

-


19 JUN 2022 AT 21:51

ज़रा ज़रा सी ज़िन्दगी,
फ़िसल जाएगी रेत सी इन हाथों से।
जी लो हर छोटे पल,
हर वक्त शिकायत न कर तू दूसरों की बातों से।


-


17 JUN 2022 AT 23:19

वो मेरी ज़िन्दगी में आकर चला गया,
जलता हुआ दीपक बुझा कर चला गया।

जानते थे वो डरते हैं हम रोशनी से फिर भी,
इक नया सूरज उगा कर चला गया।

-


29 APR 2022 AT 9:20

नृत्य दिवस

-


17 APR 2022 AT 21:03

उजाड़ कर हस्ती मेरी,
चलो किसी को घर तो मिला।।

हम तो पिजड़े में ही मग़रूर हुए बैठे हैं,
चलो उनको रिहाई का मंज़र तो मिला।।

अब तक हर वार पीठ पर सहे हमनें,
शुक्र है इस दफा सामने कोई खंज़र तो मिला।।

काटता रहा जो अब तक हरी टहनियाँ,
अब जाकर वो शैतान बंजर तो मिला।।

गिनाते फ़िरते हैं जो ख़ामियाँ सभी में,
चलो आज उनको कोई दर्पण तो मिला।।

बहुत गुमान था न उन्हें दौलत पर अपनी,
चलो आज उन पर कोई अतीव ऋण तो मिला।।

अब तक छीनता रहा ज़माना ख़ुशियाँ तिरी "ज्योति",
चलो आज कोई बेइंतहां अर्पण तो मिला।।

-


16 APR 2022 AT 22:18

जो दिया करते थे तालीम हमें ज़िन्दगी की,
आज वो भी बेसुध खड़े हैं।

एक ओर हम रूठे बैठे हैं,
दूजी ओर वो भी ज़िद पर अड़े हैं।

कोई नहीं हर दफ़ा हमीं मान जाएंगे,
वो तो खैर औहदे में बड़े हैं।

हमें भी भाता है मस्तमौला रहना,
पर अभी जिम्मेदारियों में पड़े हैं।

दौड़ने को हम भी दौड़ सकते हैं ज़माने के साथ,
पर अभी पाँव में वक़्त के छाले जो पड़े हैं।

अब तो पाकर रहेंगें हम अपनी मंज़िल को,
देखो न काँटों की राह पर भी हँसकर चल पड़े हैं।

-


2 APR 2022 AT 13:00

एक वो थे जो
कर्मकांडों में ही पड़े रहे,

हमने दूसरों को ख़ुशियाँ देकर
मोक्ष प्राप्त कर लिया।

-


1 APR 2022 AT 14:28

गुस्सा नहीं आता,
तरस आता अब।
जब देखते हैं किसी को बंदी शरीर का नहीं,
मन का तब।

-


31 MAR 2022 AT 17:09

कभी कभी तन्हाई
खुद से मिलने का
मौका दे जाती है।

-


Fetching Jyoti Shakya Quotes