Dear नानाजी 🌹🌹🌹
बचपन में नाना नानी का घर कितना प्यारा लगता था।
गरमी की छुट्टियों में घर में मन कहा लगता था।
जल्दी छुट्टी होते नाना के घर हम पोहुच जाते,
नाना हमेशा प्यार से नेपाली मुझे बुलाते।
आज वो बीच नहीं हमारे कमी बहुत खलती हैं,
ये नेपाली सी दिखने बाली लड़की आपसे प्यार बहुत करती है।
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मेरी ज़िन्दगी को हसीन बनाया आपने
ढेर सारी खुशियां और प्यार दिया है आपने
दुनिया के लिए तो नाना नातिन का रिश्ता है हमारा
मगर सच कहूं तो पिता का हर फ़र्ज़ निभाया आपने
और सबसे ज्यादा साथ भी दिया आपने।
Miss uhh nanu nd Happy Father's Day
#1_कोशिश-
तू अमोलक था मेरा,तू ही मेरा संसार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।
जाने कहां तुम चल गए,सूरज के जैसे ढल गए।
यह बात अब हमको ही ना,सारे जहां को खल गए।
बनता कोई ना अब सहारा,अब ना कोई है हमारा।
सब दिन जो गुजरे साथ तेरे, अब करूं कैसे गुजारा।
सब पड़ गए फीके यहां,ऐसा ही तेरा प्यार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।
दिल में मेरे इक दीप सा,जलता है मेरे साथ तू।
भटके हुए पथ को दिखा,चलता है मेरे साथ तू।
करता हूं तुम को मैं नमन,चरणों में रख रख के सुमन।
सब मिट गए देखो ये तम, चहका हुआ सारा चमन।
है नमन तुमको, कि तू इक ब्रह्म का अवतार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।
तू अमोलक था मेरा,तू ही मेरा संसार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।-
नाना – नानी
यादें हरवक्त तरसाती है
आपकी कहीं हर बात मुझे याद आती है,
देखते ही देखते ये आंखें नम हो जाती है
फिर सोचती हूं मेरे नाना नानी को ये कितना तड़पाती है।
कोशिश करती हूं सब भूल कर आगे बढ़ने की
लेकिन मेरी सारी कोशिशों को मुझसे ये दूर कर जाती है,
मम्मा की आंखों के आंसू हर पल याद दिलाते है
कि खो दिया हमने उनको जिनमें हमारी दुनिया समाती है।।😭😭
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दुनिया में कहीं भी जाओ
तुमसे पिता का नाम पहले पुछा जाता है
परंतु इस दुनिया में एक जगह ऐसी भी है
जहां हमें हमारे माँ के नाम से जाना जाता है
और वो जगह है नाना-नानी का घर-
Nanu (Nanaji)
दुनिया ने जब ठुकराया मुझको, तब उन्हीं ने संभाला था
प्यार दिखा कर, मुझे मना कर मुझको दिया उजाला था,
जब अकेले रह जाती थी, तब साथ वो होते थे,
दुनिया की परवाह क्यूं करती है, यहीं बात हमेशा कहते थे,
जब रोती बिलखती थी मैं, तब मुझे हिम्मत देते थे
मेरी खुशी के लिए अक्सर सबसे लड़ लेते थे
जब भी मौका मिलता तारीफें करते रहते थे,
कभी सबके सामने तो कभी अकेले में मुझे ही जरूरी बताते थे।-
थोड़ा नहीं उम्र भर का साथ मिले,
हर जन्म में यहीं संसार मिले,
वो ही कोख, वो ही आंगन मिले,
वो ही मां की ममता,
पिता का प्यार मिले,
थोड़ा नहीं उम्र भर का साथ मिले,
वो ही भाई बहन का साथ,
वो ही बचपन मिले,
हर जन्म में यहीं संसार मिले,
वहीं नाना नानी का दुलार,
वहीं मामा का प्यार मिले,
वहीं मासी से मां जैसी ममता मिले,
वहीं अपना वहीं पराया मिले,
हर जन्म में यहीं संसार मिले,
थोड़ा नहीं उम्र भर का साथ मिले।-
आज मुझे बहुत याद आ रहे नाना-नानी,
नाना जी रोज खिलाते बढ़िया बढ़िया पकवान।
नानी जी मेरी गाय माता को पूजकर खाती खाना,
आप सब भी अपने बड़े बुजुर्गो का सदा मानना कहना।
धन्यवाद जी और tc.-
आज भी हमें याद हैं!
वे बचपन के दिन! गर्मी की छुट्टियों में नानी के घर जाना, वहां की मस्ती, रात में नानी का किस्से-कहानियां सुनाना, वे मस्ती भरे दिन, खेलकूद आज भी हमें याद हैं!
नाना-नानी, मामा-मामी, मासी, भाई-बहन के साथ गुजरे लम्हे आज भी हमें याद हैं!
नानाजी का च्यवनप्राश, नानी के मीठे अचार की खठास, बहुत से खेले हैं खेल हमने अपने नाना जी के साथ, गले में पगहिया डाल उन्हें गाय बना घुमाना याद है!
गुजरे जो हमारे प्यार भरे लम्हे सभी के साथ, गुजरा जो हमारा बचपन हमारे ननिहाल में, हमें याद है!छुट्टियां खत्म होते ही आ जाता समय घर वापसी का, फिर एक-दूसरे से दूर होने का एहसास, कर देता हमारे बड़ों को उदास, आज भी हमें याद है!
वह बचपन था, हम बच्चे नासमझ, न समझते ननिहाल में रहने वाले बड़ों का एहसास, और झूमने लगते खुशी के साथ, अब जाएंगे बब्बा-दादी के पास!
वे मीठी-मीठी यादें, प्यारे-प्यारे दिन हमें याद हैं! हमें याद हैं! 🙏🙏 7/4/2020
~~'निशालोक' कोष 10-
काश हम वक़्त को थामकर मोड़ पाते,
अरसे से थक चुकी इन आँखों में आराम पाते,
पापा को उनका मोबाइल दौड़कर देने पर इनाम पाते,
बारिश में आने वाली मिट्टी की खुशबू को अपना मान पाते,
एक रूपये में मिलने वाली कुल्फी का स्वाद पहचान पाते,
स्कूल की छूट्टी की घंटी की आवाज़ में सूकून पाते,
गर्मियों की छुट्टियों में फिर नानी के घर लौट पाते,
रंग बिरंगे बर्फ के गोलो से ज़िन्दगी रंगीन कर पाते,
काश हम वक़्त को थामकर मोड़ पाते।
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