Nisha Tiwari   (Nisha Tiwari 'Nishalok')
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Joined 6 April 2020


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Joined 6 April 2020
30 DEC 2023 AT 23:40

जो नहीं मिला
उसका क्या गिला ?

जीवन में है जो फूल खिला
पहले उसके संग तो हंस-खिलखिला !

जिनकी बदौलत किरदार निभाने का मंच मिला
उस ईश्वर से रख सिलसिला !

गर है कोई गिला
फिर, हर सुबह पहले ख़ुद से आंख मिला !

इंसानियत की राह से हमारा क़दम जो हिला
फिर क्या शिकवा, क्या गिला?

नहीं है कोई गिला
है २०२३ तेरा शुक्रिया,
जो अनमोल पल हमें तुझसे मिला!

गर इंसान न बन सका
फिर क्या शिकवा, क्या गिला?
निशा तिवारी 'निशालोक'

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22 JUL 2023 AT 18:43

नई शक्लें बनाते हैं, रौब दिखाते हैं! 
यह बेशर्मी के साथ दरिंदगी की नई सूरत दिखाते हैं!

कब तक चलेगा अत्याचार; कब तक पलते रहेंगे राक्षस हजार?
कब लेंगे श्याम अवतार; कब बचाएंगे हमारी लाज?

हर मां- बेटी की है पुकार!
सजा ऐसी मिलनी चाहिए अबकी बार!
याद रखा जाए सालों-साल!
फिर न हो, कभी अत्याचार!

बेटी उठाओ अब हथियार; बहुत हुआ अत्याचार!
समझ लो रक्षार्थ कोई नहीं आएगा अवतार!

तुमको ख़ुद ही होना होगा तैयार!
दुष्टों के खातिर बन जाओ दुर्गा-काली का अवतार!
ख़ुद ही देनी होगी सज़ा, बात करो स्वीकार!

देश बदलना बाद में, पहले बदलो ख़ुद को, फिर घर-परिवार।

समय नहीं अबला बनने का, दीन-दुखी दिखने का!
बन जाओ अब ख़ुद हथियार, दरिंदों पर करो प्रहार!

दरिंदे न पलें, न बढ़ें, न भरें फिर कभी हुंकार!
ऐसा करो वार, याद रखे संसार!
याद रखे संसार!
निशा तिवारी 'निशालोक'

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31 DEC 2022 AT 23:23

नए साल की तैयारी है!
फिर भी, हमें ज्यादा प्यारी आज (३१/१२/२००२) की बियारी है!

क्या करें अच्छा-बुरा जो भी हो, पुराने लम्हों में ही जीने की हमें बीमारी है!

कलेंडर २०२२ ने हमें जो दिया; उसके लिए करती हूं शुक्रिया!

अब कलेंडर बदलने की बारी है!
हमें ज्यादा प्यारी आज (३१/१२/२००२) की बियारी है!
निशा तिवारी "निशालोक"

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5 SEP 2022 AT 10:48

आदरणीय शिक्षक गणों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
उन दिनों की यादों को समर्पित चंद पंक्तियां -

अपने अंदर झांक कर देखा!
बचपन के गुजरे लम्हों को खुद के करीब!
आदरणीय शिक्षक गण, मित्र, गलियों, चौबारों को हृदय के करीब!
अपनों की यादों से भरा समंदर हसीन देखा!

अपने अंदर झांक कर देखा!
विद्यालय पहुंचने में, हो जाय यदि विलम्ब; थी मिलती विद्यावर्धनी तुरंत!
खट्टी-मीठी प्यार भरी यादों पर न लगता पुर्नविराम देखा!

अपने अंदर झांक कर देखा!
फिर उन दिनों में जाने की चाह!
जब हमारे शिक्षक बताते सही राह!
विद्यावर्धनी मिलने पर हम बच्चों की निकलती आह!
हम बच्चों के प्रति चिंतित, आदरणीय शिक्षकों से मिलती शीख देखा!
अपने अंदर झांक कर देखा!

अपने अंदर झांक कर देखा!
जिनसे सिखा लिखना-पढ़ना, मित्रों संग घुल-मिल कर रहना!
चंद पंक्तिया सभी शिक्षकों को समर्पित कर, सहिर्दय हर्षित-पुलकित बच्चा देखा!

अपने अंदर झांक कर देखा2 
निशा तिवारी 'निशालोक' 


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4 NOV 2021 AT 12:54








दीपोत्सव आपके जीवन को सुख, शांति, समृद्धि,सोहार्द्र की रोशनी से जग-मग करे।
यूट्यूब चैनल- NISHALOK PRAKHAR VICHAR की तरफ़ से आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!












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26 SEP 2021 AT 17:54

यूट्यूब चैनल- NISHALOK PRAKHAR VICHAR की तरफ से
हम सभी को अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐

हर पिता से अनुरोध है इतना 🙏🙏

बेशक पहनाएं लाडली को हांथ में कंगन, लेकिन बनाएं ऐसा; वक्त आने पर वे उठा सकें खंजर!

जब भी कुत्ते आएं उनके नजदीक; दिखा दें उनको मौत का मंजर!
निशा तिवारी 'निशालोक'

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3 SEP 2021 AT 12:06

कैसे कहू?
दिल से निकाल दिया!
जिनकी वजह से जला है मेरे ‌दिल में दिया!

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लाल मेरा शरहद पर तिरंगा लहरा दिया!
न मालूम कितने गद्दारों को मौत के घाट उतार दिया!
कैसे कहूं?
दिल से.......
निशा तिवारी 'निशालोक'

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15 AUG 2021 AT 15:33

आन बान शान है तिरंगा!
अभिमान है तिरंगा, जान है तिरंगा!
वतन के रखवालों की, शहीदों के शहादत की पहचान है तिरंगा!
गुरुर है तिरंगा, लहराता रहे गगन पर जब तक बहती रहे गंगा!
YouTube channel- NISHALOK PRAKHAR VICHAR की तरफ़ से समस्त भारतवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
जय हिंद, जय भारत!
निशा तिवारी "निशालोक"

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15 AUG 2021 AT 15:23

तिरंगे मे छिपी हैं अदम्य साहस, शौर्य भरी कुर्बानी!
भारत माता के बेटों की अमिट कहानी!

जब-जब वीरों ने दुश्मनों को ललकारने की ठानी!
दुश्मनों की आंखों मे आया खौफ का पानी!

हाथों मे था उनके खंजर, देखा था बहुतों ने वह मंजर!
मां के चेहरे पर नूर, आखों में गर्व से अया पानी; सुनी जब लाल की गौरवान्वित कहानी!

दुश्मन हारने को मजबूर, जब वीर थे थामे हाथों मे गोले बारूद, थी सिन्घ सी दहाड़, मां के सिंह लाल, गरिमामयी उनकी कहानी!

शौर्य चक्र चलता रहे यूं ही जब तलक है गंगा मे पानी!
लहराता तिरंगा है बयां करता- वीरों की, शहीदों की अमर कहानी!
जय हिन्द, जय भारत!
निशा तिवारी "निशालोक"

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6 AUG 2021 AT 14:26


कैसे कहूं?
जीना आसान हुआ-
प्रदूषित आसमान हुआ!
घर-गांव वीरान हुआ!
खेत खलिहान हुआ!
दुखित किसान हुआ!
शब्द बेलगाम हुआ!
इंसान हैवान हुआ!
हर आदमी परेशान हुआ!
इंसानियत का कत्लेआम हुआ!
नारी उत्पीड़न सरेआम हुआ!
इंसानियत से अनजान इंसान हुआ!

YouTube channel- NISHALOK PRAKHAR VICHAR

कैसे कहूं?
जीना आसान हुआ-
मुश्किल व्यायाम हुआ !
तभी तो जीना हराम हुआ!
इंसान की हरकतों से, जानवर परेशान हुआ!
बिन बुजुर्ग घर, आलीशान हुआ!
तभी तो बच्चे के बर्ताव से, दुखित इंसान हुआ!
रह गया माकान, घर नीलाम हुआ!
बनाने में माकान को घर, नाकामयाब इंसान हुआ!
क्या सही अंजाम हुआ?

झूठा प्रदर्शन आसान हुआ!
छोटी सोच और छोटा परिधान हुआ
मानवता के विकास में व्यावधान हुआ
यह कैसा प्रावधान हुआ?
निशा तिवारी 'निशालोक'

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