Saloni lal   (Saloni Lal Srivastava)
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अकेली हुँ पर कमजोर नहीं
Joined 21 April 2020


अकेली हुँ पर कमजोर नहीं
Joined 21 April 2020
2 APR 2023 AT 7:45

ए जिंदगी ज़रा ठहर
कुछ यादें समेटे तो लेने दे
बचपन जिसे बिताना था साथ दादा जी के
उस साथ को बीच राह में ही तोड़ा था तूने
आज 14 साल बीत गए
पर मानो लगता कल की ही बात हो
कैसा खेल खेला था तूने
एक पल में सब था बदल गया
घर का मुखिया मेरा दादा हम सबसे था रूठ गया
कैसा मंज़र था वो
ना भूले मैं भूल सकूं
कैसा मंज़र दिखाया था तूने
जो आज भी इन आंखों से ना उतर सका
अभी यादें भी ना बन पाईं थीं
फिर क्यों छीना उन्हें हमसे तूने
ऐ जिंदगी अब तो ठहर
उन बची यादों को समेटे लेने दे
ना हुआ कभी कोई उनसा
ना होगा कभी भी कोई उनसा
ये बातें तो सबको समझा तो लेने दे
ऐ जिंदगी थोड़ा ठहर
उनकी यादों को समेटे लेने दे
© सलोनी लाल श्रीवास्तव (तन्नू)

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2 APR 2023 AT 7:45

ए जिंदगी ज़रा ठहर
कुछ यादें समेटे तो लेने दे
बचपन जिसे बिताना था साथ दादा जी के
उस साथ को बीच राह में ही तोड़ा था तूने
आज 14 साल बीत गए
पर मानो लगता कल की ही बात हो
कैसा खेल खेला था तूने
एक पल में सब था बदल गया
घर का मुखिया मेरा दादा हम सबसे था रूठ गया
कैसा मंज़र था वो
ना भूले मैं भूल सकूं
कैसा मंज़र दिखाया था तूने
जो आज भी इन आंखों से ना उतर सका
अभी यादें भी ना बन पाईं थीं
फिर क्यों छीना उन्हें हमसे तूने
ऐ जिंदगी अब तो ठहर
उन बची यादों को समेटे लेने दे
ना हुआ कभी कोई उनसा
ना होगा कभी भी कोई उनसा
ये बातें तो सबको समझा तो लेने दे
ऐ जिंदगी थोड़ा ठहर
उनकी यादों को समेटे लेने दे
© सलोनी लाल श्रीवास्तव (तन्नू)

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18 JAN 2023 AT 18:45

Wo lrki jo kv bahut baatein kiya krti thi
Aaj chup chup si h
Wo lrki jo hjaro ki bhir me v apni alg pahchan bna liya krti thi
Aaj khi gumsum si h
Wo lrki jo bahut jldi sbko dost bna liya krti thi
Aaj khi akeli si h
Wo lrki jo har mehfil ki jaan hua krti thi
Wo khi kisi Kone me khoi si h
Wo lrki jo cehkti rhti thi din bhr
Aaj thori mayush si h
Wo lrki jo tuto ko v jor deti thi
Aaj wo khud tuti hui si h

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9 JUN 2022 AT 22:32

Jab jimmedariyan sur par aati hain to insan khud ba khud bachhe se bada ho jata h... Khud ba khud wo insan apna bachpana chhor samjhdar ban jata h.... Ye jimmedariyan bhi kitni ajeeb hoti h na bacho jaise dil wale insan ko ek sochne wala jimmedar insan bna deti h.....

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11 APR 2022 AT 22:02

हंसते चेहरे के पीछे का दर्द ना पहचान सका कोई
मेरी झुठी मुस्कुराहट के आगे मेरे आंसू ना देख सका कोई
लगता है सबको बड़ी खुशनसीब हुं मैं
इस भ्रम में मेरी बदनसीबी ना जान सका कोई

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29 MAR 2022 AT 22:18

Kv kv hm kuch aisi galtiyan kr baithte h jink liye kewal mafi mangna hi kafi nhi hota hm un galtiyon k liye prayshchit Krna prta h

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25 MAR 2022 AT 22:52

Tujhe lgta h sara din online rhti h jrur kisi se baat krti hogi.......
Pr tu ye kyu bhul jata h ki sare din online mai tere hi ek mesz ka intjar krti hu.......

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24 MAR 2022 AT 23:33

कहते हो सीता नहीं तुम
तो कभी कहते हो मीरा नहीं तुम
कैसे बनू मैं सीता
कैसे बनू मैं मीरा
सीता बनी तो अग्नि परीक्षा ली जाएगी
मीरा बनी तो विष दे दी जाएगी
मुझे ना सीता बनना है
मुझे ना मीरा बनना है
मुझे तो बस खुद की तलाश कर
खुद से मिलना है
मुझे बस खुद के अस्तित्व की तलाश कर
खुद के अस्तित्व से मिलना है

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22 FEB 2022 AT 23:56

आंसुओ से है दामन मेरा तर बतर
याद आते हैं वो रोज़ ही इस कदर
राह वीरान थी और तन्हा थी मैं
सख़्त मुश्किल रहा ज़िंदगी का सफ़र
आदमी आदमी की सुनेगा ही क्या
आदमी में नहीं है ख़ुदा का भी डर
माँ की सुनते नहीं आज के नौजवान
और न बच्चों में है बाप का कोई डर
प्रतिबिंबों ने घेरा 'सलोनी' को है
पास दिखते हैं सब दूर होते हैं पर

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22 FEB 2022 AT 23:43

इक ख्वाब मुकम्मल हो गया।
इक ख्वाब सिरहाने टूट गया।।
गैरों को मनाने चली थी मैं।
इक अपना था जो रूठ गया।।
© सलोनी लाल श्रीवास्तव

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