निकला हूँ मैं सब छोड़कर,
मतलबी जगत ये छोड़कर।
सुकून की तलाश में दोस्त,
नये रास्ते पर जा रहा अब।-
हर शाम हाल पूछेंगे,
ये तो तुम्हें याद रहा।
जब हाल पूछते हम,
फोन बिजी तुम्हारा।-
चाँद देखने के बहाने वो आकर बातें किया करती है,
रात को सैर करने के बहाने आकर बातें मैं करता हूँ।-
चाँदनी रात में जब पहली बार हम-तुम दोनों मिले थे,
नोंक-झोंक हुई थी पर तब से ये हमारे दिल बदलें थे।-
धीमे-धीमे बढ़े चलो,
धीमे-धीमे अब बढ़ो।
तेज-तेज कभी नहीं,
तो थकोगे तुम नहीं।-
पास-पास उनके तो रहिये सदा,
पास-पास उनके दूर मत रहिये।
जो आपके बिना रह ना सकते,
पास-पास उनके तो रहिये भी।-
आँसू अब बहाना मत,
बेवफ़ा सनम पर मत।
ख़ुद मजबूत बनना है,
पीछे कभी जाना मत।-
कुछ नहीं कहना है मुझको,
अब नहीं कहना है मुझको।
ख़ामोश रहना बेहतर लगे,
तो ख़ामोश रहना मुझको।-
जब-जब आपको किसी से भी मिलना,
तो दोबारा मिलेंगे ऐसे ही तभी कहना।
बाय या टाटा अलविदा कहना ये नहीं,
शुभ होता नहीं ऐसे अलविदा कहना।-
जब कोई हमसे मिलने आता है,
जाते हुए अलविदा कह जाता है।
तो अलविदा नहीं कहना तब हमें,
फ़िर मिलेंगे शीघ्र ये सही होता है।-