ख़्वाब तुम्हारे अमीर होना इतना,
ख़्वाब तुम्हारे पूरे हो चाहे इतना।
हलाल की कमाई से मुश्किल ये,
पूरे करने ख़्वाब तुम्हारे न इतना।-
ये महंगाई बहुत ज़्यादा बढ़ गई है,
दो वक़्त की रोटी मिलती तो ना है।
हक़ीक़त में ख़्वाब तुम्हारे करना पूरे,
हमारे लिए मुमकिन न नामुमकिन है।-
कलम से लिखा करते सदा हम,
दिल के तराने तो गाते सदा हम।
इश़्क बेपनाह जान करते सच्चा,
वो ख़्वाब तुम्हारे देखकर ये हम।-
टूटे ये ख़्वाब तुम्हारे संग होगी विदाई,
लगता हमें अब तो ऐसे होगी विदाई।
अधूरे अरमान या उम्मीदें संग जानी,
गहरे ज़ख़्मो साथ अब होगी विदाई।-
अंधेरे के साथ रहना चाहते तो ना हम,
इश्क़ की रोशनी केवल चाहते बस हम।
शमा के परवाने बनेंगे जानते हम नहीं,
केवल ख़्वाब तुम्हारे देखने सदा हमको।-
जिम्मेदारी मेरी इतनी ज़्यादा,
सबसे पहले देश के लिए हीं।
फिर परिजनों के लिए बनती,
फिर ख़्वाब तुम्हारे पूरे करना।-
आज महंगाई बहुत ज़्यादा बढ़ गई है,
दो वक़्त की रोटी कमाना आसान ना।
हक़ीक़त में जीवन अभी कठिन बड़ा,
ख़्वाब तुम्हारे पूरे करना ये कठिन है।-
आसमान में उड़े संग देखता ख़्वाब तुम्हारे,
सफल होना संग ये देखता ख़्वाब तुम्हारे।
सफल मेहनत कर होना हमें ईमानदार रह,
सफल हो वफ़ादार रह देखता ख़्वाब तुम्हारे।-
ख़्वाब तुम्हारे आया करते पहले,
तभी नज़र आती रोज़ाना पहले।
अब ना तुम दिखाई देती हमको,
ना अब आया करती ख़्वाबों में।-
ख़्वाब तुम्हारे आते हमें रातों को,
मिनिस्टर बन गई देखा रातों को।
माता-पिता बहुत-बहुत ख़ुश तो,
सब बधाई दे ख़्वाब तुम्हारे आते।-