कहीं कोई फुटपाथ को बना कर बिछौना अपना चैन से सोता है,
कहीं अमीर का बच्चा नरम बिस्तर पर भी रात भर रोता है।।
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मेरे शायरी से उनको भ्रम होने लगा है
कुछ ज्यादा उसका मुझपे करम होने लगा है
उसकी ये गर्ज देख के मुझको गुरूर है
और उसका लहजा बेहद नर्म होने लगा है-
हाथ मिले हैं, तो कुछ कर्म कर,
पत्थर पर कठोर, फूलों पर नरम कर..
बदलती दुनिया में खुद को बदल दे,
अगर कोशिश भी ना कर सका, तो शर्म कर..
🙏😲🙏-
सख्त लौंडे बस नाम के सख्त होते है
असल जीवन में तो वे मोम की भांति है।-
साफ दिल वाले व्यक्ति
कभी किसी से नफरत नहीं करते
अगर किसी ने उनको तकलीफ पहुंचा दी
तो बस वो उसको ख़ास से आम कर देते हैं-
लोग समझते है मेरा दिल पत्थर का बना है,
मैं समझती हूँ मेरा दिल कांच का बना है,
करीबी कहते हैं कि मेरा दिल फूलों से बना है..
पर हकीकत तो ये है-
पहले फूल सा नरम था
फिर काँच की तरह टूट कर बिखर गया
और आज पत्थर की तरह मजबूत है...
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कभी सख़्त है,कभी नरम सी है
ये ज़िंदगी मेरे सनम सी है
कभी बोलती,कभी ख़ामोश सी
ये जिंदगी एक वहम सी है
कभी धूप में जलती रेत सी
ये जिंदगी बहुत बेरहम सी है
कभी अंधेरी राहों में उम्मीद सी
यें जिंदगी ख़ुदा के रहम सी है
कभी दूसरों को पैरों तले रौंदती
ये जिंदगी एक झूठे अहम सी है
कभी किसी की यादों में खोई सी
ये जिंदगी एक गहरे जख़्म सी है...
© abhishek trehan
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मेरी दहलीज पर कदम रखो
सदा मेरी अपनी हमदम रहो
हर बात पर रवैया नरम रखो
जो दिलकश हो बस वही कहो-