सामने देख मुझे
अचानक नज़रें चुराने लगे वो ,
राज़ ऐसा लिए थे क्या
जो मुझसे छुपाने लगे वो।
अचानक हजारों सवाल
तशवीश दिल में घर कर गई ,
उस पल जिंदगी मेरी
विश्वास और फरेब में उठी जंग हो गई ।
जानने ये मैं बेचैन हुई
पग मेरे खोज में उनकी जाने कब उठ गए ,
सच्चाई देख आँखों से
कदम मेरे स्वत: ही पीछे हट गए।
खुश देखने वो मुझे कुछ खास योजना
मुझसे छुपाकर थे बना रहे ,
शक और अविश्वास को रिश्तो में
जगह देकर हम खुद ही शर्मसार हो रहे।।
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