QUOTES ON #धर्मवीर

#धर्मवीर quotes

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14 MAY 2021 AT 9:07

रुद्र अवतार तूम्ही,
धर्मवीर तुम्ही या स्वराज्याचे..
धाकले धनी तुम्हीच,
छावा तुम्ही शूर शिवबाचे.

अजिंक्ययोद्धा, धर्मवीर, कुशाग्रबुद्धिमत्ता, निपुणयोद्धा..
श्री छत्रपती संभाजी महाराज जयंतीनिमित्त त्रिवार मानाचा मुजरा..
(Shubham Deøkar)

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2 MAR 2021 AT 20:37

पुरन्दर की मिट्ठी में जन्मा
जब दक्खन में हिन्दवी स्वराज था
देख उनका तेज औरंग भी घबराया
सामने पहाड़ बनके खड़ा वो तो शंभूराजा था


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19 FEB 2019 AT 13:05

मैं कर्मवीर हूं, कर्म की रोटी खाता हूं।
हाथों से किस्मत की किस्मत चमकाता हूँ।।

मैं शूरवीर हूं, शौर्य का तिलक लगाता हूँ।
सहस्त्रबाहु बन, मैं रिपुदमन कहलाता हूँ।।

मैं परमवीर हूँ, नित प्राणों को आहूत करता हूँ।
प्रताप-पृथ्वी तो कभी भगतसिंह बन
… माँ भारती की लाज बचाता हूँ।

मैं धर्मवीर हूँ, हर धर्म को खुद में जीता हूँ।
चाहे हो गीता, कुरान या हो बाइबल,सबको
शीश नवा कर, सहिष्णु हिन्द को बनाता हूँ।

मैं धैर्यशील हूँ, पत्थर तो कभी गोली खाता हूँ।
फिर भी दिन रात तेरी रक्षा में खड़ा रहता हूँ।
पर याद रहे... जब जब तू खेले रक्त की होली
तब तब मैं महाकाल का प्रचण्ड रूप धर लेता हूँ।

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7 MAR 2019 AT 23:48

तपती लाल सलिया सह ली,
पर आंखे ना वो झुकी थी!
ज़बान काट दी औरंग ने,
फिर भी रहम ना मांगी थी!
छिल गया था बदन सारा,
फिरभी सर नही झुका था!
धरम पर मीट गया वो,
शेर शिवा का छावा था !

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29 JAN 2021 AT 0:33

मेरी हर बात से नाराज़, खफा हर एक फसाने से

मुझे कुछ तो समझ लो तुम, फकत सारे ज़माने से।

मैं तुमसे प्यार करता हूं, वफा मुझको नहीं मालूम

ज़माने की तरह मुझको, ना तोलो तुम बहाने से ।।

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26 JAN 2019 AT 10:49

दोहा-
"धर्मवीर ही बन सके,देश प्रेम की शान।
कर्मवीर ही कर सके,देह सांस का दान।।"
-भरतपुत्र

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17 NOV 2021 AT 9:01

अन्यायाविरुद्ध पेटून उठलेला जनसामान्यांचा आवाज
करोडो हिंदू च्या हृदयातला एकमेव हिंदुहृदयसम्राट

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धर्मशास्रपंडित
ज्ञानकोविंद
सर्जा
रणधुरंदर
क्षत्रियकुलावतांस
सिंहासनधिश्वर
धर्मवीर

छत्रपती संभाजी महाराज जयंतीच्या भगव्या शुभेच्छा...!

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26 MAR 2021 AT 22:23

जब भी मिले वक्त हमे याद कर लेना।
कुछ पल हमारे किये बर्बाद कर लेना।

जीते जीते औरों के लिए खुद को न मिटा।
कभी खुद के लिए भी फ़रियाद कर लेना।

समन्दर न जा पाने, का गम नहीं, क्या दिन थे
बहते पानी में कश्ती तैराना दिल शाद कर लेना।

वतनपरस्ती की जूत्सजू में न किया क्या सितम
न कर सके कैद कोई ख़ुद को आज़ाद कर लेना।

इस मिट्टी में हुए कृष्ण और राम,सखे और सीता।
समझना हो तहजीब गुज़र इलाहाबाद कर लेना।

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ध्येय... स्वराज्य पुनःनिर्मितीचं

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