I was in the sky high,
looking for the light,
then we met.
I was in the deep water,
looking for the shore,
then we met.
I was in the dense forest,
looking for the way out,
then we met.
I heave a sigh of relief,
everything goes hard,
but we met.-
यदि आप के काव्य ज्ञान से कुछ सीख पा... read more
मन में दीप जले,
दिल में फूल खिले।
काँटों का जो हो आगमन
होसलों के अंकुर खिले।।
💐💐दीपावली 💐💐-
तेरी रहबरी में अब तक सब कुछ पाया हैं,
तेरी ख़िदमत में अब कोई सवाल न होगा।
-रजत नागपाल-
मुक्तक
आज तो हवाएं भी कोई गीत गुनगुना रही हैं,
पीछे से चलते मेरे बालों को सहला रही हैं,
शायद हो गई मोहब्बत उसको भी मानसून से
देखो शर्माकर बारिश के पीछे छुपे जा रही हैं।
-रजत नागपाल-
वो बुला रहे थे मुत्तसिल हमें, मगर हम जा न सके।
वो कहते रहे लफ्ज़ ए मोहब्बत, हम जता न सके।।
जब कारगुज़ारी से मिली फुर्सत, जज्बातों को दी सूरत।
मालूम हुआ वो बच्चों में मशग़ूल, हम चंद बरस वापस जा न सके।।
- रजत नागपाल-
गण - लोगो का तंत्र,
जन को बराबरी का मंत्र।
यहाँ शासन नही अनुकूल,
यहाँ सेवा का है मंत्र।।
-रजत नागपाल— % &-
माहिया-
"ख्वाबों में आती है
लड़की वो पगली
वो ख़ूब सताती है।"
"कोयल सा गाती है
सावन झूम उठा
फिर मोर नचाती है।"
"राहो में दिख जाते
फिर भी कहते है
तुम भूल नही पाते।"
-रजत नागपाल
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उठो जवानों हो तैयार।
सूरज दादा करे पुकार।।
नववर्ष की पहली भोर है आई।
मां ने मीठे में खीर बनाई।।
बच्चे खेलें, चिड़िया चहके।
बुआ, फूफा के अंतर्मन भी महके।।
चाची ने रबड़ी खीर बनाई।
नववर्ष की घटा है छाई।।
अब तो छोड़ो आलस का आहार।
स्नान करो हो जाओ तैयार।।
उठो जवानों हो तैयार।
सूरज दादा करे पुकार।।
- रजत नागपाल
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इश्क़ में ना था यकीं,
बस तेरे साथ में ही था मजा।
ए खुदा जिंदगी बस यूं चले,
मुझे इश्क़ की ही हो सज़ा।
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