यूं अकेले ओढ़कर उदासियों को कब तक कहां जाओगे।
सहस्त्रार पर दैदीप्यमान आरती के दीया सा मुस्कुराओगे-
एस्ट्रोलॉजी में भी दखल रखता हूँ।
बुरा न लगे आपको ऐसी शकल... read more
Years back I sent a 1 Rs. Archies Card
To someone who could afford 10 Rs. card.
But the sensitivity was so high
She replied on a 25 paise Post Card.
(Sharing the Fact D to D)-
This was the dream
I had after my marriage.
I knew that I will sail through
the sea of life with the carriage.
Thank you 'Dear '
For being you all the year(s).
I know I am not up to the mark
It's you 'Santoshi' who shows me
light in the dark.
रेडियो पर बज रहा था
कैसे मुझे तुम मिल गई....-
मुलाकातों का क्या
हर मुलाकात का अंजाम जुदाई है।
मिसरा ओ नज़्म हमारे
छू लें आपको क्या ये भी कम आशनाई है।-
मजबूरी नहीं जिम्मेदारियां बहुत हैं।
इश्क़ ओ अफसाना की राह में
दुश्वारियां बहुत है।
हम तो सहरा में चल लेंगे नंगे पांव
तकलीफ होगी अगर छाले उनके पैरों में
आएं जिनसे यारियां बहुत है।-
मजबूरी नहीं जिम्मेदारियां बहुत हैं।
इश्क़ ओ अफसाना की राह में
दुश्वारियां बहुत है।
हम तो सहरा में चल लेंगे नंगे पांव
तकलीफ होगी अगर छाले उनके पैरों में
आएं जिनसे यारियां बहुत है।-
हम याद आ जाएं
जिक्र का फिक्र किया करो, तुम्हारे शाख के परिंदा रहेंगे।
फिक्र का जिक्र किया करो, तुम दुआ देते रहना हम जिंदा रहेंगे ।-
बुढ़ापे में भी अगर हो जाए इश्क़ तो खिताब है यारों।
इश्क़ ता-उम्र बुढ़ा न होने पाए तो लाज़वाब है यारों।
इश्क़ गंगा, इश्क़ जमुना नर्मदा गोदावरी, इश्क़ ही चिनाब है यारों
प्रेम की पराकाष्ठा ही भक्ति है अपना तो बस इतना हिसाब है यारों।
गाज़ी कहे इश्क़ मजाजी से ही इश्क़ हकीकी होता हांसिल।
ये जानता मैं भी हूं और भी अच्छे से जानता है ये मेरा क़ातिल।-