इंसान है इंसान की तरह धड़कते हैं
अना की आन है जिंदा,
समझादार की आस में तड़पते हैं....-
एस्ट्रोलॉजी में भी दखल रखता हूँ।
बुरा न लगे आपको ऐसी शकल... read more
बिना तेरे आस पास उदासियों का मंजर है।
दिल हो रहा है चाक, गायब मगर खंजर है।
प्यास बुझाने को चाहिए नारियल का पानी।
किनारा है, सदाएं हैं, कश्ती और समंदर है।
इस कदर खामोश ओ खुदज़ब्त है किरदार।
बुत है? बुतखाना है? आदमी है? कलंदर है?
अब के बरसेगा सावन झूमके, हो न हो
सूखे पत्ते, तेज हवाएं, कैसा ये बवंडर है?
दिन महीने साल गुजरते रहे जैसे तैसे।
तुम आओ तो सोऊं, कमरे में लैवेंडर है।-
टिमटिमा रहा था इक दीया मुंडेर पर यूंही
कि ठहर गया था चाॅंद, करामात रोक के।-
ये बात और है कि दोस्त मेरे करते नहीं कद्र आज भी।
मगर, दुश्मन भी करते हैं कद्र मेरी आजमाने के बाद।-
चाहा था किसी को याद करते
किसी को याद आते।
इसी चाहत में हो गए दूर
पास आते आते।
फ़रियाद कर रही हैं
तरसी हुई निगाहें
मिल जाती नजरें
और दोनों मुस्कुराते।
गुफ्तगूं भी कर लेते
जो मुलाक़ात हो जाती,
कुछ सुनते तुम्हारी
कुछ अपनी सुनाते।
जुल्फों से अठखेलियां करते
....................
रखकर तुम्हारे कांधों पर सर
कुछ हम गुनगुनाते।
तेरी याद का तहे दिल से
शुक्रिया ऐ दोस्त
आ ही गई आखिर
फिर भूलाते भूलाते।
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मोहब्बत का मुझको किनारा मिला है।
जब से हमें उनका का इशारा मिला है।
सागर से अथाह फैलाव में थी ये कश्ती
शुक्र है हमें लाइटहाऊस हमारा मिला है।
होगा सफर अब पूरा बेहिचक संग तेरे
कहने वाला, मिला जो, होगा गवारा मिला है।
धरा में स्नेह जो पा लिया नसीबवाले ने,सोंचे विपिन
हर चुनौती है लायक, पाला जिसे हमारा मिला है।-
आरज़ू ए यार हो पूरी, है ये दुआ हमारी।
तपें सूरज की तरह, न चुभे शुआ हमारी।
कितने भी हो जाएं बड़े जमाने में, हम जानते हैं
रहेगीं हमसे बड़ी हमेशा, मौसी और बुआ हमारी।-
पेन, पेपर,पेंसिल,किताब चाय की प्याली।
मखमली -धूप, सर्द- सुबह, शबनम वाली।
अपने आप में होना, कुछ सुकून के पल।
मिठास मौसम का, दिल को छूने वाली।
सरहदें तो हैं बस ज़मीन पर खींची हुई लकीरें
बाॅंटती है पहचान पर रोकेगीं कैसे हमख्याली।
अलग होना इक दिखावा है, जमीं आसमान मिलते नहीं महज़ छलावा है।
जानने वाले जानते हैं की ये जमीं है ही आसमान के बीच रहने वाली।
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मैं हूं जिसकी तलाश में।
है वही मेरी तलाश में।
सोचा था खुद को क्लासिक मैंने।
अब जाना और भी हैं मेरे क्लास में।
बनोगे काबिल तो कामयाबी कदम चूमेगी
रखो यह ख्याल हमेशा होश ओ हवास में।
एक से काम चल जाए तो दो मत बोलो
मत धकेलो तुम खुद को बस बकवास में।-
मोह से
बढ़कर एक कदम आगे
बस प्रेमास्पद के श्रेय के लिए
तथाकथित जीवन रुपी यात्रा में रहना मोहब्बत है।-