QUOTES ON #द्वितीय

#द्वितीय quotes

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10 DEC 2019 AT 0:33

आपके ही नाम से जाना जाता हूँ “पापा”,
भला इस से बड़ी शोहरत मेरे लिए क्या होगी।

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10 DEC 2019 AT 0:03

अक्सर पिता के रहते शायद किसी को उनकी कही बात बूरी लग जाती हो , पर उनके हमे छोड़ जाने के बाद हमें उनकी बातें बहुत याद आती है।।
पिता जी के _द्वितीय _पुण्यतिथि
स्व० उगम भक्त
( जन्म-26.11.1953 - मृत्यु-10.12.2017 )
पर उनको श्रधांजलि अर्पित
🙏💐💐🙏😢😢😩😩

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24 MAR 2021 AT 11:22

चली आओ,
लिखें मिलकर
द्वितीय प्रेम का
प्रथम संस्करण।

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9 NOV 2019 AT 23:41

मुहब्बत की कहानी का नया अल्फ़ाज लिख दूंगा ।
रहे ग़ज़लों में तेरा नाम हर वो साज लिख दूंगा ।
कि बन अज्ञात सा खुद को तुझे मैं लिखता रहता हूं,
रहा जीवन कि ग़र मेरा तिरे सर ताज लिख दूंगा ।।

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29 DEC 2020 AT 21:19

बहुत शुक्रिया आपका【आपके अल्फाज】
के अपने मेरी रचना को सराहा||

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2 OCT 2019 AT 1:22


तप त्याग का पाठ सिखावे ।
मूढ़-मति को विद्वान बनावे ।।
संयम धरे तुम अपरम्पार ।
ब्रह्मचारिणी का अवतार ।।

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12 SEP 2020 AT 22:01

Read in caption
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

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11 SEP 2017 AT 16:56

दुख में दर्द ओर सुख में कर्ज लगे जैसे
जीवन के द्वितीय भाग हो जैसे.।।

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7 MAR 2017 AT 17:31

ये शमशान और कब्रिस्तान में इंसान को भूलना,
गांव और शहर में कस्बे को भूलना,
स्कूल और कॉलेज के चक्कर में इंसानी मूल्यों को भूलना,
ट्रेन और प्लेन के चक्कर में अपनी बैलगाडी भूलना,
व्हाट्सएप्प और स्नैपचैट के चक्कर में अंतर्देशीय भूलना,
ये सब भ्रष्टाचार के दोयम दर्जे के उदाहरण हैं

अव्वल दर्जे का भ्रष्टाचार तो
तन मन और धन के साथ वैचारिक तल पर बिकना है ।

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18 OCT 2020 AT 10:10

द्वितीय दिवस माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना

पद्मिनी सम नार सभी, दाह करे स्वशरीर।
उर्वशी को माँ कहे, नर अर्जुन से धीर।।

माँ ब्रह्मचारिणी विश्व के प्राणीमात्र को संयम एवं ब्रह्म का आचरण प्रदान करें । स्त्रियाँ पद्मिनी सी शीलवती होकर, शील रक्षा हेतु स्वयं को अग्नि में भस्मीभूत करें।
पुरुष अर्जुन जैसे धीर हों, जो अप्सरा उर्वशी के प्रणय-निवेदन को अस्वीकार कर उसमें मातृ स्वरूप का दर्शन कर, स्वयं नपुंसकता का श्राप भी सहर्ष स्वीकार करें।

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