प्रेम तेरा रग-रग में बहे
हर दिल का तू अभिमान है
कायम रहे तू अनंत काल
तेरा नाम ही मेरी पहचान है
वादियों में झूमता सावन
अब अखण्ड तेरी तस्वीर है
चमक उठी लालिमा ललाट की
कि तिरंगे में रंगा कश्मीर है
दे आशीष तेरी छाया बनूं
रंगों में तेरे ना कोई भेद रहे
केसरिया तिलक हो धानी चुनर
मन मेरा सदा ही श्वेत रहे
तेरे आँचल ने सींचा बचपन
तेरी खुशबू में मेरी जवानी पले
सौगात है तेरी माँ साँसें ये मेरी
कि जब निकले तेरी बाहों में ही दम निकले-
Shivani
(Spiti)
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न किस्सा न कोई कहानी लिखती हूँ
बस अपनी ही मौजों की रवानी लिखती हूँ
पढ़ के गुज़र जाओगे तो अ... read more
बस अपनी ही मौजों की रवानी लिखती हूँ
पढ़ के गुज़र जाओगे तो अ... read more
Joined 27 June 2018
16 AUG 2019 AT 0:11
28 OCT 2020 AT 21:11
गाँठें पड़ी हैं इस कदर इस रिश्ते की डोर में
रेशम का धागा भी मानो खुरदरा हो चला है-
15 SEP 2020 AT 6:30
हर रात रोता है, ढूंढता है दिल वो पतंग
उड़ती हो कोई जो बहुत दूर हक़ीक़त से
सूखता है तकिया, सूखते ओस के संग-संग
होती है सुबह फ़िर उसी मुस्कुराती ज़ीनत से-
5 AUG 2020 AT 0:09
क्यों बिलखती रहें बेटियाँ ही भाई न होने पर
राखी वो भी तो नहीं मनाते जिनकी बहन नहीं है..!-
24 JUL 2020 AT 20:30
दो नैन मेरे, दो रैन तेरे...बेख़ुद इक डोर में बंधे पड़े
स्याह रैन तेरे, स्याह नैन मेरे...बिन चाँद भी नूर से सजे रहे-
13 JUL 2020 AT 12:28
मुमकिन कहाँ कि हर घड़ी आँसू बहाए कोई
यही सोच ख़ुदा ने कागज़-कलम बनाए होंगें-
13 JUL 2020 AT 8:42
शमशान है दिल मेरा, मेरी ही ज़िन्दगी का
राज़ बन दफ़न है, सब घाव ज़िन्दगी के..!!-
16 MAY 2020 AT 22:54
ये तो उम्र है जिसे बरसों का तकादा है
परिपक्वता तो चंद घंटों में भी दस्तक दे जाती है-