हनुमज्जयन्त्याः शुभकामनाः
बुद्धिमन्तं गुणागारं ज्ञानवन्तं महाकपिम्।
भक्तशिरोमणिं देवं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
बुद्धिमान, ज्ञानवान, गुणनिधि,
भक्त शिरोमणि देव महाकपि
हनुमान् को बारम्बार
प्रणाम करता हूँ।-
अमृत दूं मैं इस जग को, स्वयं करूँ विषपान।। कुमारः
वागर्थाव... read more
सरल सुखद सुन्दर शुभद,
सात्विक सत्य विचार।
शब्द सरित सागर बहे,
रचे नया संसार।।-
तेरा मुझसे रहा न कोई वास्ता
फिर भी देखें ये आँखें तेरा रास्ता
रंग खुशियों के कम थे खतम जो हुए
आंसुओं से लिखी प्यार की दास्तां-
किसी ने एक प्रेमी से पूछा - प्रेम क्या है?
प्रेमी ने उत्तर दिया - प्रेम प्रतीक्षा है।
उसने फिर पूछा - क्या प्रतीक्षा मिलन की?
प्रेमी ने कहा - मिलन की नहीं, मृत्यु की।-
अमर बलिदानियों को कोटिशः नमन
देश धर्म की रक्षा में, जो अपना रक्त बहाते हैं।
प्राणों का उत्सर्ग करें, वो देशभक्त कहलाते हैं।।-
विश्व कविता दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएं
जीवन की है आशा कविता
जिजीविषा प्रत्याशा कविता
मानव की अभिलाषा कविता
इतिहास की भाषा कविता-
कार्यक्रम समूह द्वारा किया जाता है, अतः अपेक्षाकृत सरल है। जबकि कार्य व्यक्ति एकाकी करता है, अतः कठिन है जिसे दृढ़ संकल्पित व्यक्ति ही कर सकता है।
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सभी को सब
कुछ कहाँ मिलता है?
सुकून मुहब्बत तो अब
दूसरे जहाँ में मिलता है।-