QUOTES ON #दीपोत्सव

#दीपोत्सव quotes

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5 APR 2020 AT 22:38

बहुत दिनों के बाद आज
हम सब ने ये पर्व मनाए है ..
लगी कुटिया भी आज दुल्हन सी
हम सबने करोना के खिलाफ
एकता का दीप जो जलाए है !

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5 APR 2020 AT 22:48

आज सारे जग को खुशियों से भर दिया...
पूरे देश में आज दीवाली कर दिया
जब सारा संसार दुःख में डगमगा रहा था...
तब सारा हिंदुस्तान दिए से जगमगा रहा था...
आज मेरे देश ने एकता का इतिहास रच दिया

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25 OCT 2019 AT 18:07

यामिनी अमावस की जगमगाती दीपों की रौशनी
वैसे जगमगाऐं खुशियाँ हर दुःख फीका हो जाए
ऐश्वर्य फैले चहुँ ओर जैसे चाँद की हो चाँदनी
चोली-दामन सा साथ आपका खुशियों से हो जाए

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4 NOV 2021 AT 6:42

Happy diwali

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7 NOV 2018 AT 10:36


आवलि दीपों की
स्वाति सींपो की
गरल साँपो की
मांवळी झूपों की
दिवाली सिक्को की
न्यारी कहानी हैं,,,,

दिया बाती
की भाँति
न जाति
न पाति
भेद करे
प्रेम करे...

योर कोट परिवार को
दीपोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएं
...ब्रजेश


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24 OCT 2019 AT 23:28

मेरे आंगन से तुम्हारी मुंडेर पर.....

कर दूं प्रज्ज्वलित एक दीप स्नेह का,
मिट जाये तिमिर स्याह अमावस्या का
प्रदीप्त हो जाये हर्षित आनन्द से घर द्वार.....

कर दूं प्रज्ज्वलित एक दीप प्रीत का
पिघला दे जो प्रस्तर होती संवेदनाएं
बह जाए वैमनस्य निर्मल हो जाये चित्त....

कर दूं प्रज्ज्वलित एक दीप उमंग का
दूर कर दे नैराश्य जीवन की सांझ का
भर दे उल्लास हृदय में, प्रस्फुटित हो आशाएं....

मेरे आंगन से तुम्हारी मुंडेर पर
कर दूं प्रज्ज्वलित एक दीप माधुर्य का.....!

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27 OCT 2019 AT 23:18

पूरे Your Quote परिवार को
दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं 😊🙏

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6 NOV 2018 AT 17:54

जब मिट्टी का दिल धड़कता हैं
तो दीपक नामक पात्र बनता हैं
यद्यपि दिये तले अँधेरा रहता हैं
मूल स्वभाव से प्रकाश फैलता हैं
रंज सह कर सदैव टिमटिमाता हैं
प्रेयसी रौशनी का पात्र बनता हैं
खुशी ग़म मे हरदम मुस्कुराता हैं
हवा से लड़ वो तिल तिल जलता हैं
त्यौहार, मजहब ऐसे भूल जाता हैं
जैसे वसुदेव कुटुम्बकम पालता हैं
देख अँधेरा हरकत में फौरन आता हैं
तब जग मे प्रशंसा का पात्र बनता हैं

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13 NOV 2020 AT 12:31

Year 2020, hasn't been the year
anyone have wished. But I wish
whatever is left this year goes
right with you.

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12 NOV 2023 AT 14:05



* अब की बार दीपोत्सव कुछ इस तरह से मनाऍं *

मन के कोने कोने से ईर्ष्या द्वेष हटा कर नवीन पवित्र सद् विचारों को धारण करें
शुचिता, समता,सात्विकता अपनाकर आओ मिल कर पवित्र दीपोत्सव मनाएँ

गेंदा,हरसिंगार फूलों से रंगोली बनाकर घर में सात्विक शुद्ध व्यंजनों को बनाएँ
प्रेम,प्यार आत्मीयता की मिठास डालकर आओ मिलकर शुद्ध सात्विक दीपोत्सव मनाएँ

आतिश बाज़ी को पूर्णतःनकार कर केवल हँसी ठिठोली के पटाखे ही बजाएँ
पर्यावरण को प्रदूषण से बचा कर आओ मिलकर हरित दीपोत्सव मनाएँ

कुम्हार से मिट्टी के पवित्र दीए ले कर मन के विकारों की बाती ही बना कर जलाएँ
सरसों के शुद्ध तेल के दिए जलाकर आओ मिलकर मानवता से दीपोत्सव मनाएँ

भारतीय संस्कारों को सहेज और संजोकर बड़ों से आशीर्वाद लेकर छोटों को प्यार और सम्मान दें
आओ मिलकर संस्कारित दीपोत्सव मनाकर पर हित कल्याण में सदा ही संकल्पित हो जाएँ

भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, वस्त्रहीन को वस्त्र देकर आओ सार्थक,
सुरक्षित, प्रदूषण रहित दीपोत्सव मनाएँ ..

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