QUOTES ON #दीप

#दीप quotes

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1 JUL 2020 AT 16:15

मन का आँगन ,लीपे बैठी हूँ
देहरी पर दीप जलाए बैठी हूँ।

उम्मीद वाली जुगनुओं को
आँखों में सजाए बैठी हूँ।

उमस भरे दिवस के अवसान पर
बावली हवाओं को संभाले बैठी हूँ।

नेह सागर से कितने ही
यादों के सीप बटोरे बैठी हूँ।

आ जाओ अब कि मरु में
गुलमोहर,अमलतास के रंग लिए बैठी हूँ।
©Anupama Jha



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19 AUG 2020 AT 11:37

यदि संकल्प दृढ़ हो
तो दीप भी सूर्य के समान है

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23 DEC 2018 AT 6:48

तूने ये क्या कह दिया,दिल में धक-धक होय ।
जितना रोकूँ मैं इसे, उतना सोचे तोय ।।

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6 NOV 2018 AT 2:48

शहर में पूरे अंधियारा हैं,
तन्हा दीप को कहाँ जलाऊं।

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13 NOV 2020 AT 18:51

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9 DEC 2018 AT 20:03

तुम जलती हो मुझमें मेरी "बाती" तो मेरी कद्र रहती है
तुमसे ही है "अस्तित्व" तुम्हारे इस "दीप" का ,
बुझ जाओ जो तुम तो मेरी क्या "औकात" रहती है

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20 MAY 2020 AT 10:06

मुद्दतों से मैं उनसे मिला ही नहीं,
शाख पर प्रीत की गुल खिला ही नहीं !

पूछता हूँ जब अक्सर खफा हो सनम,
मुस्कुरा के वो कहते कोई गिला ही नहीं !

ख्वाब में एक दफा वो मिले थे हमें,
जेहन से आज भी वो पल टला ही नहीं !

तिश्नगी आँखों आँखों में सिमटने लगी,
कारवां पलकों का फिर हिला ही नहीं !

आँखो पर भी है उनकी चौकसी आजकल,
ख्वाब इनमें नया कोई पला ही नहीं !

मसरूफियत में भी खुद को ढाला है बहुत,
ज़ख्म है ये विरह का जो सिला ही नहीं !

अंधकार में है उलझी जिंदगी कुछ करो,
प्रेम का दीप कब से जला ही नहीं !

मैं लिखता हूँ तुमको एक वजह है प्रिये,
आँसुओं संग ये दर्द कभी ढला ही नहीं !

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5 AUG 2020 AT 18:58

नहीं ज़रूरत आने की कुछ,
इतनी ही हाजरी काफी है।
श्री राम नाम का दीप जला दो,
कुछ चूक भी हो तो माफ़ी है।✍️✍️✍️

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13 NOV 2020 AT 22:45

रोशनी पूंजी नहीं है, जो तिजोरी में समाये,
वह खिलौना भी न, जिसका दाम हर गाहक लगाये,
वह पसीने की हंसी है, वह शहीदों की उमर है,
जो नया सूरज उगाये जब तड़पकर तिलमिलाये,
उग रही लौ को न टोको,
ज्योति के रथ को न रोको,
यह सुबह का दूत हर तम को निगलकर ही रहेगा।
जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा।

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13 JAN 2019 AT 19:52

To zindagi kuch alag mukam par hoti

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