तुम्हारा मुझसे मिलना
कुछ ऐसा होता है
जैसे दिसंबर की ठंड रात मे
फुटपाथ पर सोए
हफ्तों से भूखे
इंसान के ऊपर
कोई कम्बल तो डाल जाए
पर उसे भूख से तड़पता
छोड़ जाए..!-
हमारे "हम"
का क़ातिल हैं।
दो कदम चल कर तुम्हे पैर के छालों की पड़ी है
मेरी हर एक सांस मंजिल तक जाने पर अड़ी है।-
मै तो बदनाम हूं बदनाम ही मर जाऊंगा,
मुझे फ़िक्र है शहर भर के नाम वालो की।-
दीवारों से लिपट रात भर
मै तेरी बाते करता हूं।
उसपर तेरी तस्वीर बना कर
मै उसको चूमा करता हूं।
तेरी यादों का दिया जला कर
मैं बेमतलब हंसता रहता हूं।
पल भर तुमको पाने की खातिर
मैं दिन भर भटका करता हूं।-
लगता है ये रात भी ना तुम्हारी सखी है
कभी ये तुम्हारी तरह सुहानी होती है
कभी चकोर की तरह मुझे तरसाती है।
तुम्हारे साथ सबसे बेखबर चैन से सुलाती है
तुम्हारे बाद ये रात मुझको बेहद रुलाती है।
मैं तरसता हूं तुम दोनो के साथ मिलने को
ये तरसती है हम दोनो के साथ मिलने को।
सुनो.. कभी तुम दोनो सखी एक साथ आओ
तुम दोनो को जीना है पीना है साथ आओ ना।-
मैं कान्हा संग बेहद प्रेम मे हूं
दुनिया भर से ये कह पाना।
कान्हा के प्रेम में दुनिया भर की
शोहरत दौलत को ठुकराना।
कान्हा की धुन जपते-जपते
हंसते-हंसते जोगन बन जाना।
कान्हा के प्रेम की हिम्मत से
सारी दुनिया से लड़ जाना।
इस युग मे "मीरा" बन पाना
थोड़ा मुश्किल है जान-ए-जाना।-
ना मंदिर जाना होता है
ना सजदा ही कर पाता हूं,
तुझसे पहले जो ईश्वर था
उसको पत्थर सा पा ता हूं।— % &— % &-
तेरी खुशबू के संग जीता हूं
तेरी यादों के संग हंसता हूं,
मैं कैसा पागल हूं देखो
दूरी को भी गले लगता हूं।-
छोटा सा तो दिन होता है नन्ही सी ये रात,
तुमसे कैसे हो पाएंगी दुनियां भर की बात।-